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बीकानेर,जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल की पहल पर लगातार दूसरे साल स्कूल और काॅलेज की छात्राओं के हीमोग्लोबीन की जांच की जा रही है। मिशन अगेंस्ट एनिमिया (एमएए-मां) के इस चरण की शुरूआत 18 जुलाई को हुई। मेडिकल टीमों द्वारा प्रतिदिन अलग-अलग शैक्षणिक संस्थानों में इसके लिए शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में मंगलवार को राजकीय महारानी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय तथा महारानी किशोरी देवी सीनियर सैकण्डरी स्कूल में आयोजित शिविरों का जिला कलक्टर ने औचक निरीक्षण किया।
इस दौरान उन्होंने बताया कि गत वर्ष 28 जुलाई को जिले भर के स्कूलों में आयोजित शिविर में 2 लाख 53 हजार 633 किशोरी बालिकाओं के हीमोग्लोबीन की जांच की गई। इस दौरान 7 से 10 ग्राम हीमोग्लोबीन वाली माॅडरेट श्रेणी में 91 हजार 79 किशोरी बालिकाएं पाई गई। यह कुल किशोरी बालिकाओं का 36 प्रतिशत से अधिक था। इन सभी बालिकाओं की ट्रेकिंग ‘मां-मोबाइल ऐप’ के माध्यम से की गई। इन्हें आवश्यक चिकित्सकीय परामर्श एवं दवाइयां उपलब्ध करवाई गई।
इसके बाद दूसरे चरण में 24 और 25 जनवरी को माॅडरेट श्रेणी की 91 हजार से अधिक किशोरियों के खून की जांच दोबारा करवाई गई। लगातार मॉनिटरिंग की बदौलत दूसरी जांच के बाद सिर्फ 8 हजार 379 किशोरी बालिकाएं मॉडरेट श्रेणी की बची। दूसरी जांच के बाद एक बार फिर मॉडरेट श्रेणी की बालिकाओं की मॉनिटरिंग की गई। अंतिम फेज में 17 जुलाई को माॅडरेट श्रेणी की किशोरियों के हीमोग्लोबीन की तीसरी बार जांच करवाई गई। इस बार सिर्फ 324 छात्राएं ऐसी पाई गई हैं, जिनका हीमोग्लोबीन 7 से 10 ग्राम के बीच है। इसे बेहद सकारात्मक परिणाम माना जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मोहम्मद अबरार पंवार ने बताया कि जिले में वर्ष 2021-22 में जहां आईएफए की 33 लाख गोलियां बांटी गई। वहीं वर्ष 2022-23 में चले सघन अभियान की बदौलत 91 लाख गोलियां वितरित की गई।

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