
बीकानेर, बीकानेर में रेल फाटकों की समस्या को पिछले कई दशक बीत गए इन दशकों में कई सरकारें आई और चली चली गई लेकिन, बीकानेर की रेल फाटक यातायात से जुड़ी समस्या जस की तस मुंह बाए खड़ी हैं। हर दिन शहर के बीचों-बीच बंद होते रेल फाटकों से बीकानेर की जनता पूरी तरह से परेशान है। इसी समस्या को लेकर जिले के समाजसेवी रामकिशन महाराज ने ” विकास को तरसता बेबस बीकानेर” नाम से व्यंग्य करते सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया है।
रामकिशन महाराज ने बताया कि शहर में बेतरतीब यातायात के लिए शहर के बीचों-बीच गुजरती रेल लाइन पर बने सांखला एवं कोटगेट रेलवे फाटक नासूर बन गए हैं। शहर के मुख्य मार्ग केईएम रोड से पहले कोटगेट और सांखला फाटक पर बने दोनों रेलवे फाटक से हर दिन हर बीकानेरी को रूबरू होना पड़ता है।
शहर के बीच से होकर गुजरती रेलगाड़ियों के आवागमन के चलते बंद होते रेलवे फाटक के चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है और इस जाम में कई बार एंबुलेंस भी फंस जाती है। शहर की सबसे बड़ी समस्या को लेकर हर चुनाव में राजनीतिक पार्टियां और प्रत्याशी अपने-अपने हिसाब से वादे करते हैं लेकिन, आज 45 साल बाद भी इस समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है।