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बीकानेर, शहरभर में डेंगू का कहर जारी है। डेंगू मच्छर को खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि घर-घर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीमें पहुंच रही है। एंटीलार्वा गतिविधियां संचालित कर रही है लेकिन विभाग के इन दावों को आमजन झुठला रहे हैं, वे सर्वे कार्य से खुश नहीं हैं। आमजन का कहना है कि मोहल्ले में मच्छरों की भरमार है। यहां एक बार भी स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं आई है।
११ नए मरीज रिपोर्ट डेंगू मरीज थम नहीं रहे। रविवार को शनिवार को भेजे गए सैम्पलों की रिपोर्ट आई, जिसमें ११ नए लोगों में डेंगू पाया गया है। हालात यह है कि हर दिन १० नए लोगों में डेंगू रिपोर्ट हो रहा है। इससे बड़ी चिंता इस बात की है कि डेंगू के लक्षणों वाले मरीजों की अधिकता है। वार्डों में डेंगू जैसे लक्षणों वाले मरीजों के कारण व्यवस्था बिगड़ रही है। कोरोना में जैसे-तैसे संभली व्यवस्था अब फिर जवाब देने लगी है।डेंगू अब शहर से गांवों की ओर बढ़ रहा है। अब तक के आंकड़ों के मुताबिक शहरी क्षेत्र में डेंगू के मरीज अधिक है। शहरी क्षेत्र में अब तक डेंगू के १९४ मरीज रिपोर्ट हो चुके हैं। इसके बाद बीकानेर ग्रामीण से १९, नोखा से ११, लूणकरनसर से १०, कोलायत से १४, श्रीडूंगरगढ़ से १०, खाजूवाला से एक मरीज रिपोर्ट हुआ हैं। चिंता है कि जनवरी से अगस्त से केवल ३६ मरीज रिपोर्ट हुए हैं। सितंबर और अक्टूबर में ही मरीज बढ़े हैं। सितंबर में १५४ और अक्टूबर में अब तक १४५ मरीज सामने आ चुके हैं जबकि इस माह के सात दिन अभी शेष है। अस्पताल में हर दिन मरीजों की रेलमपेल लगी है। अब तक के आंकड़े बताते हैं कि डेंगू के पुरुष अधिकार शिकार बन रहे हैं। डेंगू के कुल ३४८ मरीजों में से २२४ पुरुष और १२४ महिलाएं शिकार बनी है। इनमें भी शहरी क्षेत्र के पुरुष ज्यादा हैं। शहरी क्षेत्र के ११५ पुरुष और महिलाएं ७९ डेंगू की चपेट में आई है।
करणीनगर कॉलोनी में मच्छरों की भरमार है। हालात यह है कि शाम के समय घर के लोन व छत पर बैठ नहीं सकते। मच्छरों की भिनभिनाहट चैन से बैठने तक नहीं देती। स्वास्थ्य विभाग में कई बार कॉलोनी में फोगिंग कराने के लिए गुहार कर चुके हैं लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। मिथिलेश। सुजानदेसर में भी कई घरों में स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं पहुंची है। घर में दो जनों को बुखार आ रहा है। पीबीएम में जांच कराई भगवान का शुक्र रहा डेंगू रिपोर्ट नहीं हुआ। चिंता की बात है कि स्वास्थ्य विभाग अब भी इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है। सरकारी हो या निजी अस्पताल में मरीजों के पैर रखने तक की जगह नहीं है। पहले कोरोना और अब डेंगू से जान पर बन रही है।

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