बीकानेर। डेंगू का डंक जोर कर रहा है। डेंगू के डंक से घायलों की संख्या तेजी से बढ़ रहा है। स्वास्थ्य सेवाएं और सुदृढ़ करने की जरूरत महसूस हो रही है। अकेले स्वास्थ्य विभाग के बूते डेंगू को कंट्रोल करना अब बेमानी लग रहा है। वर्तमान हालात को देखते हुए जिला कलक्टर नमित मेहता ने खुद कमान अपने हाथ ले ली है। दो दिन में डेंगू के छह नए मरीज सामने आए हैं। जिले में डेंगू मरीजों का आंकड़ा ३33 पहुंच गया है।
दो कंट्रोल रूम करेंगे 24 घंटे काम
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का कंट्रोल रूम को अलर्ट कर दिया गया है। डेंगू संबंधी हर गतिविधि की रिपोर्ट यहां अपटेड रहेगी। डेंगू संबंधी इलाज और मरीज की जानकारी रिकॉर्ड में रहेगी साथ ही इलाज में किसी तरह की दिक्कत होने पर कंट्रोल रूम से संपर्क किया जा सकेगा। यह दोनों कंट्रोल रूम 24 घंटे काम करेंगे।
शहर और गांव में अधिकारियों की तय की जिम्मेदारी
जिला कलक्टर ने डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में चिकित्सा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए प्रशासनिक और स्वास्थ्य अधिकारियों को संयुक्त जिम्मेदारी सौंपी है। शहरी क्षेत्र में एसपी मेडिकल कॉलेज पीबीएम अस्पताल, जिला अस्पताल मरीजों के इलाज में व्यवस्थाएं करेंगे। सीएमएचओ की ५० टीमें घर-घर सर्वे करेंगी। नगर निगम व जिला प्रशासन की टीमें घर-घर सर्वे के अलावा व्यवस्थाओं पर निगरानी रखेंगी। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सभी ब्लॉक सीएमएचओ के साथ जिला परिषद सीईओ को लगाया गया है।
यह है हालात
जिले में एसपी मेडिकल कॉलेज एवं जिला अस्पताल की लैब में एलाइजा टेस्ट में ३३३ लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है जबकि एनएस-1 (रेपिड कार्ड टेस्ट) में जिलेभर में ६०० से अधिक लोगों में डेंगू पाया गया है, जिन्हें डेंगू का उपचार दिया जा रहा है। पीबीएम के मेडिसिन वार्डों में भर्ती ८५ फीसदी मरीज डेंगू और प्लेटलेट्स कम होने के हैं।
निजी अस्पताल रामभरोसे
जिले में सैकड़ों निजी अस्पताल है, जिनमें भी डेंगू के मरीज भर्ती हैं लेकिन निजी अस्पतालों के मरीज रिकॉर्ड में ही नहीं आ रहे हैं। निजी लैबों से जांच कराने के बाद सैकडों मरीज निजी अस्पतालों में उपचार ले रहे हैं। हालात बिगडऩे पर पीबीएम अस्पताल पहुंच रहे हैं। अब जिला प्रशासन ने निजी अस्पतालों को भी डेंगू संबंधी रिपोर्ट देने के लिए पाबंद किया है।
आरडीपी व एसडीपी की डिमांड दोगुनी
जिलेभर में डेंगू के मरीजों की संख्या अप्रत्याशित तरीके से अचानक बढ़ी है। एलाइजा रिपोर्ट में कंफर्म पॉजिटिव के अलावा एनएस-1 टेस्ट (रेपिड कार्ड) में सैकड़ों लोग डेंगू पॉजिटिव आ रहे हैं। एसपी मेडिकल कॉलेज के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभागाध्यक्ष एवं प्रोफेसर डॉ. एलएल महावर बताते हैं कि पिछले सप्ताहभर से डेंगू के मरीजों की संख्या बढऩे से ब्लड बैंक से आरडीपी व एसडीपी की खपत दो गुना हो गई है। पिछले १५ दिन में मरीजों को ९९३ आरडीपी एवं 26 एसडीपी सप्लाई की जा चुकी हैं।
मॉनिटरिंग की जा रही है
डेंगू के मरीज बढ़े जरूर है लेकिन हालात बेकाबू नहीं है। एसडीपी, आरडीपी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र मेंं डेंगू से निबटने के लिए प्रशासनिक और स्वास्थ्य अधिकारियों को संयुक्त लगाया गया है। डेंगू की हर गतिविधि की प्रभावी मॉनिटरिंग की जा रही है। साथ ही डेंगू, मलेरिया व कोरोना में बेहतर काम कर चुके स्वास्थ्य अधिकारियों को डेंगू से निबटने में फील्ड में उतारा गया है। नमित मेहताा, जिला कलक्टर
पर्याप्त व्यवस्थाएं
४०० लोगों की जांच में केवल एक व्यक्ति में डेंगू की पुष्टि हुई है। डेंगू ज्यादा नहीं है। अस्पतालों में भीड़ वायरल के कारण हो रही है। इसके बावजूद ऐहतिहात के लिए शहरी सरकारी अस्पतालों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में वायरल व डेंगू के उपचार की पर्याप्त व्यवस्थाएं है। मरीजों को असुविधा न हो इसके लिए वरिष्ठ चिकित्सक मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
डॉ. ओपी चाहर, सीएमएचओ