बीकानेर,मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान ओर माता धापुदेवी आसदेव परिवार बंबलु वालों की और से शारदीय नवरात्र के पावन पर्व पर नवरात्र पुजा अनुष्ठान शुभारंभ हुआ… उपरोक्त नव दिवसीय “नवरात्र हवन यज्ञ अनुष्ठान” सदग्रहस्थ संत मनुजी महाराज एवं बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज के द्वारा पारीक चोक सुथार मोहल्ला नयाशहर स्थित भागवतबासा भवन प्रांगण मे आज विधि-विधान पूर्वक गणेश नवग्रह सप्तऋषि मंन्ङल का सोङषोपचार पंचोपचार पुजन किया गया….तत्पश्चात गायत्री जप एवं हवन-पूजन एवं साय दुर्गा सप्तसती पाठ इन्द्राक्षी कवच स्रोत बीजमंन्त्रों से नित्य हवन अनुष्ठान किया जा रहा है….बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज ने बताया.. कि नवरात्र के पंचम दिवस देवी स्कंदमाता के स्वरुप मे पुजा होती है..स्कंद माता जो कि पहाड़ों पर रहकर सांसारिक जीवों में नवचेतना का निर्माण करने वालीं देवी है। कहते हैं कि इनकी कृपा से मूढ़ भी ज्ञानी हो जाता है। स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम से अभिहित किया गया है। इनके विग्रह में भगवान स्कंद बालरूप में इनकी गोद में विराजित हैं। इस देवी की चार भुजाएं हैं। ये दाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा से स्कंद को गोद में पकड़े हुए हैं। नीचे वाली भुजा में कमल का पुष्प है। बाईं तरफ ऊपर वाली भुजा में वरदमुद्रा में हैं.और नीचे वाली भुजा में कमल पुष्प है। इनका वर्ण एकदम शुभ्र है। ये कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं। इसीलिए इन्हें पद्मासना भी कहा जाता है। सिंह इनका वाहन है। शास्त्रों में इसका काफी महत्व बताया गया है। इनकी उपासना से भक्त की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। भक्त को मोक्ष मिलता है। सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण इनका उपासक अलौकिक तेज और कांतिमय हो जाता है। अतः मन को एकाग्र रखकर और पवित्र रखकर इस देवी की आराधना करने वाले साधक या भक्त को भवसागर पार करने में कठिनाई नहीं आती है। उनकी पूजा से मोक्ष का मार्ग सुलभ होता है। यह देवी विद्वानों और सेवकों को पैदा करने वाली शक्ति है… यानी चेतना का निर्माण करने वालीं देवी है… कहते हैं कालिदास द्वारा रचित रघुवंशम महाकाव्य और मेघदूत रचनाएं स्कंदमाता की कृपा से ही संभव हुईं।अनुष्ठान से जुङे नितेश आसदेव ने बताया..कि उपरोक अनुष्ठान मे बीकानेर बंबलु निवासी माता धापुदेवी के पुत्र और हाल मुम्बई के प्रसिद्ध भामाशाह कॉन्ट्रेक्टर रामप्रताप कुंदनराम आसदेव लक्ष्मण आसदेव नवरत्न आसदेव मनोज आसदेव पुनम आसदेव दिनेश आसदेव गोरांश आसदेव एव समस्त बंबलु आसदेव परिवार नवदिवसीय नवरात्र अनुष्ठान के मुख्य यजमान है…..संस्थान की और से नित्य पुजन सेवाश्रम से मदनमोहन मल्ल प्रथ्वीसिंह पंवार नारायण सोनी नवरत्न धामु हरिकिशन नागल श्रीकिसन मांङण धीरेन्द्र युवराज मदनमोहन हर्ष आदि जुङे हे.. नित्य कंजक पुजा व्यवस्था हेतु सीमा पुरोहित ममता आसदेव नितेश आसदेव को अनुष्ठान प्रभारी बनाया गया है..
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