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बीकानेर,पिछले विधानसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल बिहारी लाल विश्नोई, सिद्धि कुमारी, गोपाल जोशी, देवी सिंह भाटी, डा. विश्वनाथ का प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष समर्थन नहीं किया था। यह टीस इन नेताओं ने बीते पांच सालों में कई बार व्यक्त की थी। पार्टी में गुटबाजी, विरोध और पक्षपात का माहोल दिखाई दिया। वो ही अर्जुन राम इस बार सभी प्रत्याशियों के साथ प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष चुनाव में लगे हैं। वे बिहारी विश्नोई, यहां तक धुर विरोधी डा. विश्वनाथ, सिद्धि कुमारी, जेठानंद व्यास और अंशुमान सिंह भाटी के साथ जुटे है, क्योंकि भाजपा के चुनाव सर्वे रिपोर्ट जो आगामी लोकसभा को मद्देनजर रखते हुए भी की गई थी मेघवाल को आईना दिखाया गया है।जैसा कि वे कहते रहते हैं की वे आत्म चिंतन करते है। हो सकता है आत्मा ने झकझोरा हो या अपनी राजनीति में खुद को आईने में देखकर स्थिति समझ आ गई हो! जो भी हुआ अच्छा ही हुआ है। पार्टी में सौहार्द बढ़ा है। भले ही तत्कालिक हितों के लिए ही जनता में तो एक दिख रहे हैं। यह अच्छी बात है कि मेघवाल भाजपा प्रत्याशियों से मिलकर उनके क्षेत्र की रिपोर्ट ले रहे है। मेघवाल की देवी सिंह भाटी के साथ मुलाकात के बाद उनका यह कहना कि अतीत को हम भूलते है ,वर्तमान में जीते है और भविष्य को देखते है। बीकानेर जिले की सातों सीटों में कमल खिलेगा। यह संदेश भाजपा कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने वाला है। वही भाटी का यह कहना कि पीएम मोदी से सब प्रेरणा ले रहे। भाजपा का पूरा परिवार काम कर रहा। हाथी के पैर में सब समाहित है। पार्टी के प्रति निष्ठा जताना है। बीकानेर में वर्षो बाद भाजपा नेताओं में इतनी एकजुटता दिखाई दी है। इससे पहले तो अर्जुन राम की गुटबाजी से कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट चुका था। मेघवाल को उनके ही पार्टी के लोग पीछे से गालियां देते नहीं थकते हैं। देवीसिंह भाटी और अर्जुन राम मेघवाल मिलकर बीकानेर संभाग में भाजपा कार्यकर्ताओं को सक्रियता देने का पूरा विद्युत सर्किट बन गया है।ये सर्किट पार्टी के लिए बेहतर परिणाम ला सकते हैं। संभाग में अजा जजा के मतदाताओं का घनत्व है और बीजेपी ने मेघवाल को अजा जजा के नेता के रूप में उभारा है। भाटी किसानों और जनता के मुद्दे उठाने के लिए जाने जाते है। दोनों मिलकर सर्किट पूरा करते है। पार्टी को अच्छे परिणामों की उम्मीद करनी चाहिए।

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