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बीकानेर,गंगाशहर। तेरापंथ के नवम अधिशास्ता आचार्य श्री तुलसी के महत्वपूर्ण अवदान है ज्ञानशाला एवं उपासक श्रेणी। आचार्यश्री ने ज्ञानशाला के माध्यम से  बालपीढ़ी को सुसंस्कारित करने का एक स्वप्न देखा। आज श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा के निर्देशन में स्थान-स्थान पर तेरापंथ सभाओं द्वारा ज्ञानशाला का संचालन कर बच्चों को जैन संस्कारों से पुष्पित करने का कार्य किया जा रहा है। बचपन में दिए गए शुभ संस्कारों से ही व्यक्ति का जीवन सम्यक दिशा की ओर जा सकता है। उपरोक्त विचार मुनि श्री जितेंद्र कुमार जी ने ज्ञानशाला दिवस पर आयोजित समारोह में व्यक्त किए। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा द्वारा परमपूज्य आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री शांतिकुमार जी एवं सुशिष्य मुनि श्री जितेंद्र कुमार जी के सान्निध्य में ज्ञानशाला दिवस आयोजित किया गया। ज्ञानशाला गीत द्वारा ज्ञानार्थियों ने मंगलाचरण किया। इस अवसर पर उपासक राजेंद्र सेठिया, ज्ञानशाला के संयोजक जतन संचेती, प्रशिक्षिका सुनीता पुगलिया ने विचारों की प्रस्तुति दी। ज्ञानशाला प्रभारी मोहित संचेती ने प्रतिवेदन प्रस्तुत कर ज्ञानशाला द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी दी। ज्ञानशाला के नन्हें बालक-बालिकाओं ने प्रशिक्षिका प्रेम बोथरा द्वारा निर्देशित सुंदर नाटिका एवं गीत द्वारा ज्ञानशाला की महत्ता को बताया।

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