बगरू,क्षेत्र के दहमीकलां में स्थित 1500 वर्ष अति प्राचीन आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में इस वर्ष आचार्य नवीननंदी महाराज का चातुर्मास होने जा रहा है। आचार्य श्री ने इससे पूर्व वर्ष 2014 में दहमीकलां में चातुर्मास सम्पन्न किया था। आचार्य श्री महाराष्ट्र से हजारों कि.मी की पदवंदना 25 जून को दहमीकलां में मंगल प्रवेश किया था।
अखिल भारतीय दिगम्बर जैन युवा एकता संघ अध्यक्ष अभिषेक जैन बिट्टू ने जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार को गुरुपूर्णिमा महोत्सव और चातुर्मास कलश स्थापना समारोह का आयोजन आचार्य नवीननंदी महाराज ससंघ के सानिध्य में किया गया। बुधवार को कार्यक्रम की शुरुवात समाजसेवी राकेश जैन (अम्बाबाड़ी), राजकुमार खण्डाका और बगरू के श्रेष्ठी कुलदीप आशीष चौधरी द्वारा ध्वजारोहण कर किया गया। इसके उपरांत श्रीमती प्रियंका जैन द्वारा मंगलाचरण, बगरू जैन समाज अध्यक्ष महावीर पाटनी, सुनील बगड़ा (ज्योति नगर) परिवार द्वारा चित्र अनावरण, भागचंद बाकलीवाल, रवि गंगवाल, ज्ञान बज परिवार द्वारा दीप प्रवज्जलन कर समारोह की विधवत शुरुवात की गई।
इस दौरान आचार्य श्री के मुखारविंद भगवान आदिनाथ का पंचामृत रसों (जल, चंदन, दूध, दही,सर्वोषधि आदि) से कलशाभिषेक किया गया और दहमीकलां मंदिर ट्रस्ट समिति अध्यक्ष कुलदीप, आशीष चौधरी परिवार के पुण्यार्जन से विश्व मे शांति की कामना करते हुए जगत के कल्याण के लिए वृहद शांतिधारा की गई।
*चातुर्मास मंगल कलशों की स्थापना, पुण्यार्जकों ने प्राप्त किया सौभाग्य*
आचार्य नवीननंदी महाराज का इस वर्ष चातुर्मास दहमीकलां में होने जा रहा है, इस दौरान पांच मुख्य कलशों सहित 55 कलशों की स्थापना की गई, मुख्य कलश अशुए कलश की स्थापना कुलदीप, आशीष, अर्पित, साहिल, रवि, श्रीमती मधु, राखी, आरती, कनन, कयारा एवं समस्त चौधरी परिवार द्वारा की गई। इसके बाद चार गज कलशों की स्थापना की गई जिसका पुण्यार्जन महावीर प्रसाद मनोज कुमार पाटनी (बगरू), राजकुमार खण्डाका (बनीपार्क), दुर्गालाल, हेमंत जैन (प्रताप नगर), प्रवीण, प्रियंकेश, प्रियंका, प्रेरक जैन परिवार को प्राप्त हुआ।
*गुरुपूर्णिमा पर आचार्य श्री के हुए पाद प्रक्षालन, अष्ट द्रव्यों से हुई शुरू पूजा*
मंदिर ट्रस्ट समिति महामंत्री प्रमोद बाकलीवाल ने बताया कि गुरुपूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर बड़ी संख्या में जैन श्रद्धालु दे, इस अवसर पर आचार्य श्री के जल, दूध, चंदन, केसर, गुलाब, दही आदि रसों से चरणाभिषेक किये गए, इस दौरान आचार्य श्री की गुरु पूजा अष्ट द्रव्यों से की गई जिसमें सर्व प्रथम स्थापना की गई, जिसके उपरांत जल, चंदन अर्घ चढ़ा, अक्षत, पुष्प, नैवेघ, दीप, धूप, फल, अर्घ द्रव्यों से श्रद्धा-भक्ति के साथ पूजन किया किया गया अंत मे समारोह में उपस्थित श्रद्धालुओं द्वारा मंगल पाठ का गुणगान कर महार्घ चढ़ाया जाएगा। मानसरोवर, सांगानेर, प्रताप नगर, मुरलीपुरा, जोहरी बाजार, ज्योति नगर, बगरू, झोटवाड़ा, महेश नगर की महिला मंडलो और नवयुवकों ने संगीत, भक्ति और श्रद्धा के साथ गुरुभक्ति कर महोत्सव मनाया।
*भक्ति और आराधना का पर्व है चातुर्मास – आचार्य नवीननंदी*
आचार्य नवीननंदी महाराज ने महोत्सव के दौरान उपस्थित श्रद्धालुओ को संबोधित करते हुए अपने आशीर्वचन में कहा कि ” चातुर्मास का पर्व तप और साधना का पर्व है भक्ति और आराधना का महापर्व है। एक मात्र चातुर्मास है जिसमे साधु समाज से ना केवल जुड़ते है बल्कि साधु भी एक स्थान पर विराजमान रहकर भगवान से जुड़ने की आराधना भी करते है। चातुर्मास का पर्व हिंसा से बचने के लिए स्थापित होते है, वर्षा होने के चलते इस दौरान अनेकों ना दिखने वाले जीवों की उतपत्ति हो जाती है जिसमें सदैव हिंसा होने का डर सताता है और पाप के भागी बनने से बचने के लिए चातुर्मास स्थापित किया जाता है।
*दहमीकलां में एक भी जैन परिवार नही, बगरू और जयपुर के श्रद्धालु करवा रहे है चातुर्मास*
राजधानी जयपुर शहर के नजदीक स्थित दहमीकलां ग्राम में एक भी जैन परिवार नही है उसके बावजूद पिछले काफी वर्षो से बगरू और जयपुर जैन समाज के श्रद्धालुगण 1500 वर्ष प्राचीन आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर की देखभाल कर रहे है और अब आचार्य श्री के चातुर्मास की व्यवस्थाओ को देख रहे है। क्षेत्र में दहमीकलां के दूसरे समाजों से जुड़े श्रद्धालुगण व्यवस्थाओ में सहयोग कर धर्म की प्रभावना कर रहे है। जिसमे मुख्य योगदान कुलदीप चौधरी, महावीर पाटनी, रमेश ठोलिया (बगरू), प्रमोद बाकलीवाल (वरुण पथ), गौरव जैन (कीर्ति नगर) परिवार सहित दहमीकलां के उप सरपंच सीता राम शर्मा दे रहे है और क्षेत्र की सभी व्यवस्थाओ को संभाल रहे है।
अभिषेक जैन बिट्टू
मो – 9829566545