बीकानेर,गुरुपूर्णिमा के अवसर पर गंगानगर रोड़ रेतीले टिबो में स्थित संत भावनाथ आश्रम में शिष्यों ने अपने गुरु के चरणों की रोली चंदन अक्षत पुष्प से पंचोपचार पूजन किया।पण्डित पण्डित शुरेष महाराज ने सवस्तीवाचन प्रहलाद ओझा ‘भैरु’ किशन गहलोत ने सपत्नीक गुरु के 108 नामों से अर्चन किया। श्रीमती अलका गहलोत एवं श्रीमती लक्ष्मी ओझा ने चरणोदक की महिमा बताई व उसे वितरित किया।इस अवसर पर संत भावनाथजी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि सबसे पहले हमें अपने गरूर को बाहर निकालें और गुरु तत्व को ह्रदय में विराजित करें ।उन्होंने कहा कि झूठी इज्जत और गरूर के चलते मन के भाव निर्मल नहीं पाते जिससे सामाजिक पारिवारिक एवं आध्यात्मिक उन्नति नहीं हो पाती ।
आश्रम में दिन भर गीत पूजन भजन के साथ भंडारा चलता रहा।