बीकानेर ,अखिल भारतीय गुर्जर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयपुर के वरिष्ठ समाज सेवी रवि शंकर धाभाई ने लोकसभा के सत्र में गुर्जर आरक्षण को संविधान की 9 वीं अनुसूची में डालने की मांग उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक मांग पत्र भेजा है
गुर्जर सहित 5 जातियों के 5% आरक्षण को लेकर अखिल भारतीय गुर्जर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं जयपुर के वरिष्ठ समाजसेवी रवि शंकर धाभाई ने पत्र की प्रतिलिपि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रामदास आठवले सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भिकू रामजी इदाते राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय विमुक्त, घुमंतू तथा अर्धघुमंतू जनजाति आयोग भारत सरकार, डॉ वीरेंद्र कुमार,ए. नारायणस्वामी, कुमारी प्रतिमा भोमिक, केंद्रीय मंत्री सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र अशोक गहलोत मुख्यमंत्री, राजेन्द्र कुमार यादव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री राजस्थान सरकार एवं डॉ समित शर्मा, सचिव एवम आर. सुब्रमण्यम सचिव सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग राजस्थान एवम भारत सरकार को भी भेज कर गुर्जर सहित पांच जातियों के 5% आरक्षण को नवी अनुसूची में डालने की मांग उठाई है ।
समाजसेवी रवि शंकर धाभाई ने बताया कि 5 जातियों को 5% आरक्षण के लिए 2007 से 2020 तक 5 बार आंदोलन किया जा चुका है इन आंदोलनों में गुर्जर समाज ने अपने 73 नोजवानो को भी खोया है । आंदोलन के बाद 13 फरवरी 2019 को राजस्थान सरकार ने गजट नोटिफिकेशन एवं कैबिनेट अप्रूवल द्वारा एमबीसी समाज को 5% आरक्षण दिया था 22 मार्च 2019 को राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग द्वारा उपसचिव भारत सरकार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में सम्मिलित कराए जाने की बाबत पत्रावली भेजी थी । इस पत्रावली को राजस्थान सरकार ने दुबारा 21 अक्टूबर 2020 को केंद्र सरकार को फिर से प्रेषित किया। लेकिन कांग्रेसी एवं भाजपा पार्टी दोनों की ही सरकारों ने चार बार कानूनी प्रावधान कर दिया मगर संवैधानिक एवं कानूनी बाधा के चलते अभी तक लाभ नहीं मिल पाया है ।
सामाजिक कार्यकर्ता रवि शंकर धाभाई ने बताया तमिलनाडु झारखंड छत्तीसगढ़ बिहार महाराष्ट्र आंध्र प्रदेश तेलंगाना एवं उत्तरी पूर्वी राज्यों में आरक्षण 50% से ज्यादा है लेकिन यहां पिछड़ा वर्ग आरक्षण पर हमेशा ही तलवार लटकी रहती है जिससे अति पिछड़ा वर्ग को सामाजिक न्याय सही समय पर मिल नहीं मिल पा रहा है।
आरक्षण के अलावा रवि शंकर धाभाई ने राष्ट्रीय विमुक्त, घुमंतू तथा अर्धघुमंतू जनजाति आयोग भारत सरकार में गुर्जर समाज के प्रतिनिधि को भी शामिल करने की मांग की है ।