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बीकानेर, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण निदेशालय एवं योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र एसकेआरएयू के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित छ दिवसीय शिविर का आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर समापन हुआ। आज प्रात: छ से आठ बजे तक सामूहिक योग अभ्यास कार्यक्रम में 530 लोगों ने भाग लिया। केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार की प्रेरणा से आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अधिष्ठाता डॉ. आई. पी सिंह ने कहा कि योग का अर्थ है जोड़ना। हमें उत्तम स्वास्थ्य के लिए योग के माध्यम से शारीरिक के साथ-साथ सात्विक, मानसिक व आध्यात्मिकता को भी जीवन में जोड़ना है। नियमित योग, ध्यान, प्राणायाम, प्राकृतिक चिकित्सा आदि क्रियाओं का अभ्यास करने से हमें स्वस्थ जीवन मिलता है, इस लिए अपने जीवन को स्वस्थ व सुखी रखने के लिए नियमित योग का अभ्यास करते रहें।

निदेशक डॉ. वीरसिंह निदेशालय छात्र कल्याण ने कहा की नियमित योग अभ्यास से हम अनेक घातक बीमारियों से बचाव कर सकते है। इसलिए योग को हमारे जीवन जीने की कला भी कहा जाता है। कार्यक्रम में डॉ. आर्तबंधु साहू, डॉ. एस सी मेहता, डॉ. निर्मला सैनी, होशियार सिंह मीना, अमित मजूमदार ने भी योग के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. देवाराम काकड़ ने बताया की योग अभ्यास के कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा, रक्षा संपदा सर्किल बीकानेर, राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र, राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान, केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान(काजरी), एनसीसी, एनएसएस के विद्यार्थियों सहित बड़ी संख्या में भाग लिया। कार्यक्रम में कुलसचिव कपूर शंकर मान, डॉ. पी एस शेखावत, डॉ. विमला डुकवाल, डॉ. एन के शर्मा, डॉ. राजीव नारोलिया, डॉ. आर के जाखड़, एल के पगारिया, आदि ने भी योग अभ्यास में भाग लिया। योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र के योग शिक्षक दीपक चांवरिया व विद्यार्थियों ने योग अभ्यास करवाया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. जयप्रकाश राजपुरोहित ने किया।

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