
बीकानेर, रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में रविवार को गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर, मुनि मंथन प्रभ सागर व बालमुनि मीत प्रभ सागर, साध्वीश्री दीपमाला व शंखनिधि श्रीजी के सान्निध्य में महावीर भवन में सामूहिक खीर एकासना व बच्चों का शिविर आयोजित किया गया।
खरतरगच्छ युवा परिषद के सचिव विक्रम भुगड़ी ने बताया कि उपासरे में भगवान कुंथुनाथ जी, दादा गुरुदेव जिन कुशल सुरिश्वरजी व क्षमा कल्याणजी की प्रतिमा के आगे भक्तामर व गुरु इकतीसे का सामूहिक पाठ किया गया । खरतरगच्छ महिला परिषद की बीकानेर इकाई की ओर से सोमवार व मंगलवार को सुगनजी महाराज के उपासरे में अपरान्ह तीन से चार बजे तक सामूहिक गुरु इकतीसा का पाठ किया जाएगा। बच्चों के शिविर में गणिवर्य व मुनिवृंद ने बाल संस्कारों व धर्म क्रियाओं से अवगत करवाया।
गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर म.सा. ने रविवार को सुगनजी महाराज के उपासरे में नियमित प्रवचन में कहा कि जब तक हमें परमात्मा का शासन समझ में नहीं आए तब तक हमारी आत्मा की प्रगति नहीं हो सकतीं। शासन को समझने के पश्चात आत्मा के विकास की यात्रा शुरू होती है।
उन्होंने प्रवचन में पाप पुण्य का विवेचन करते हुए कहा कि जब तक शरीर में व्याधि व पीड़ा हो तब हमारा मन किसी भी क्रिया नहीं लगता है। किसी से बात करने की इच्छा भी नहीं होती है। हमने पूर्व भव में किसी को शारीरिक पीड़ा दी होगी इसी कारण इस भव में हमें पीड़ा को भोगना पड़ता है। तीर्थंकरों व महापुरुषों को भी पूर्व जन्मों के कर्मों के अनुसार पीड़ा व कष्ट भोगना पड़ा। पाप व पुण्यों का फल जीव को भवों तक मिलता है। मनुष्य को चाहिए कि पापों से बचे तथा पुण्य के लिए पुरुषार्थ करें। कोयम्बटूर के बाल मुनि मीत प्रभ सागर म.सा. के सांसारिक परिवार के विजय कुमार चोरड़िया व धीरज कुमार लूणावत का अभिनंदन खरतरगच्छ युवा परिषद की बीकानेर इकाई अध्यक्ष अनिल सुराणा, कोषाध्यक्ष अनिल पारख, रविन्द्र सिंघवी व महेन्द्र बरड़िया ने किया।