बीकानेर, जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की मनोहरश्रीजी म.सा की सुशिष्या साध्वीश्री मृगावतीश्रीजी म.सा., बीकानेर मूल की साध्वीश्री सुरप्रियाश्रीजीम.सा (रेणुजी) व नित्योदया श्रीजी म.सा के सान्निध्य में बुधवार को तपस्वियों का अभिनंदन किया तथा विभिन्न तपस्याओं को अनुमोदना की गई।
कोचरों के चौक में 24 जुलाई को बीकानेर में प्रथम बार शासन स्पर्श का संगीतमय कार्यक्रम होगा। सुबह नौ बजे शुरू होने वाले कार्यक्रम में सवा नौ बजे प्रवेश बंद कर दिया जाएगा। चेन्नई के सुरेश भाई वीडियों व संवाद के माध्यम से तथा मुंबई के संगीतकार भाविक भाई भक्ति रचनाओं के साथ जिन शासन के देव, गुरु व धर्म तथा तीर्थस्थलों से साक्षात्कर करवाएंगे।
श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा, चातुर्मास व्यवस्था समिति के संयोजक निर्मल पारख, सामायिक मंडल व विचक्षण महिला मंडल की सदस्याओं ने पांच की तपस्वी श्रीमती जया गोलछा, तेले के तपस्वी शांति लाल बैद व श्रीमती किरण देवी बुच्चा का माला, श्रीफल से तथा श्रावक-श्राविकाओं ने जयकारे से अभिनंदन किया ।
साध्वीश्री मृगावती श्रीजी म.सा. ने ज्ञाता धर्म सूत्र का वाचन विवेचन करते हुए कहा कि आत्मा परमात्मा मिलन में दूध शक्कर जैसा संबंध बनाएं । कई श्रावक-श्राविकाएं दूध मेंं राख मिलाने पर संघर्ष से घुलने, कई दूध में पत्थर डालने जैसे केवल संपर्क की ही साधना करते है।
उन्होंने कहा कि स्वयं आत्मचिंतन, आत्मा निदां करें कभी भी पर निंदा नहीं करें। आत्म परमात्म चिंतन से कर्म बंधन क्षय होते है वहीं परनिंदा से पापकर्म का बंधन होता है। उन्होंने एक कथा के माध्यम से बताया कि पुण्य उदय होने से व्यक्ति की आर्थिक-परमार्थिक उन्नति तथा पापों के उदय होने से व्यक्ति शारीरिक,मानसिक व आर्थिक पतन होता है। जीवन को जीवंत, आनंदमय व मनोहरमय बनाने के लिए आत्म परमात्म चिंतन करें तथा पर निंदा से बचें।