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बीकानेर, सिमरन सेवा संगत बीकानेर की ओर से सार्दुल काॅलोनी के गुरुद्वारा श्री गुरुनानक देव अरोड़वंश ट्रस्ट में शनिवार को दो दिवसीय 15 वां महान सिमरन व गुरुमत समागम शुरू हुआ। रविवार को सुबह छह बजे से साढे़ सात बजे तक सिमरन, सुबह दोपहर साढ़े बारह बजे कीर्तन दरबार व उसके बाद भोग व लंगर और शाम को कीर्तन दरबार व उसके बाद भोग व लंगर का आयोजन होगा।
आयोजन से जुड़े हरविंद्र सिंह भाटिया ने बताया कि पोष माह के प्रथम सप्ताह में 16 वीं शताब्दी के अंत मंे सिखों के दसवें गुरु गोेविंद सिंहजी के चार शाहबजादों बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, जोरावरसिंह व फतेह सिंह व माता सुन्दर कौर ने हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया था । उनके आदर्शों व धर्म की रक्षा के लिए की गई बलिदान का स्मरण करने के लिए यह आयोजन प्रतिवर्ष रखा जाता है।
महान सिमरन के दौरान ’’वाहे गुरु’’ की धुन से तथा शबद कीर्तन से गुरुद्वारे में श्रद्धा व भक्ति का माहौल बना था। विभिन्न गुरुद्वारों से जुड़ी सतकार योग साध संगत ने भागीदारी निभाई। रावला के कथावाचक भाई हरदीप सिंह ने जोशीलें शब्दों में शाहबजादों की कुर्बानी व गुरुओं के आदर्शों का स्मरण दिलाया। दिल्ली से आए 51 सदस्यी रागी व सिमरन जत्थे ने मधुर व ओजस्वी वाणी में शबद कीर्तन सुनाकर व ’’वाहे गुरु-वाहे गुरु’’ का सिमरन करवाकर भक्ति का पूर्ण माहौल बनाएं रखा।
पुस्तक प्रदर्शनी
गुरुद्धारे के पास अनूपगढ़ से आए भाई जीत सिंह के नेतृत्व मंें दो दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी लगाई है प्रदर्शनी में 50 प्रतिशत से कम मूल्य व बच्चों को निःशुल्क पुस्तकें सुलभ करवाई जा रही है। पुस्तकों मंें पदम भूषण डाॅ.भाई वीर सिंह, रसायन वैज्ञानिक प्रोफेसर पूर्णसिंह, डाॅ. बलवीर सिंह, डाॅ.जसवंत सिंह नेकी की लिखी हिन्दी, अंग्रेजी व पंजाबी भाषा की सिखों के गुरुओं के इतिहास, जीवनियां, उपन्यास, प्रसंग, बच्चों की क्रोमिक्स और पंजाबी सिखने आदि की पुस्तकें शामिल हैैै ।

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