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अक्सर कहा जाता है की महान व्यक्तिव्य बनाये नहीं जाते बल्कि सीधे प्रकृति से आतें हैं; ऐसा ही एक चेहरा जिसे विज्ञान जगत के इस दौर का अल्बर्ट आइंस्टीन माना जाता है, जिनको विज्ञान सम्बन्धी कई विषयों में महारत हासिल है और जिन्होंने अपने अस्तित्व में होने से ही इतिहास को इस तरह से लिखा की वो अमिट बन गया l प्रोफ. देव अरस्तु पंचारिया, आज एक ऐसा नाम बन चुकें है जो आये दिन अपने अलग-अलग सिद्धांतो और उपलब्धियों के कारण सुर्ख़ियों में बने रहतें हैं, जिसमें खास बात ये है की सिर्फ भारत में ही नहीं, उनकी ख्याति सरहदों पार भी उतनी ही है, बल्कि कई मायनो में तो उससे भी अधिक। हाल ही में अत्यधिक प्रतिष्ठित विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी ऑफ पीस, यूएसए (अमेरिका) द्वारा उन्हें सैद्धांतिक भौतिकी में मानद (Honrary) डॉक्टरेट से विभूषित करने की पुष्टि की है जो कि अपने आप में शैक्षिक क्षेत्र में किसी भी वरिष्ठ व्यक्तिव्य को दी जाने वाली अंतिम उपाधि है । इस तरह डॉक्टरेट की उपाधि बहुत प्रसिद्ध और अपने कार्य क्षेत्र में बेहद चुनिंदा व्यक्तित्वों को प्रदान की जाती है। प्रोफ. देव अरस्तु को ये उपाधि विशेष रूप से “सैद्धांतिक विज्ञान में महान योगदान के लिए, जिसने ब्रह्मांड की समझ में असाधारण प्रगति की” के लिए प्रदान की गयी है जिसकी महत्ता अद्वितीय है । गौरतलब है की उनके नाम पे इतिहास की सबसे अधिक खोजें UNO में प्रतिपादित हैं जिनकी संख्या लगभग 500 के करीब है जो उन्हें एक महान वैज्ञानिक ही नहीं बल्कि एक प्रेरणा स्त्रोत भी बनाती है l

देव अरस्तु पंचारिया को डॉक्टरेट की उपाधि मिलने पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष एडवोकेट अशोक प्रजापत, एडवोकेट संजय रामावत, टी.सी.कुमावत, अर्जुन कुमावत, आशुराम बोबरवाल, वीर प्रजापत, अरविंद कुमावत ,पवन जोशी, महेंद्र सिंह भाटी, एडवोकेट योगेश रामावत, मास्टर भंवर लाल लिंबा आदि ने प्रश्नता व्यक्त की है।

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