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श्रीडूंगरगढ़ बीकानेर,आषाढ़ शुक्ला पूर्णिमा , जिसे गुरु पूर्णिमा के रूप में ख्याति भी प्राप्त है। वह दिन जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के और अधिक महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि आज के ही दिन इस धर्मसंघ की स्थापना आचार्य भिक्षु ने की थी। सेवा केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी श्री चरितार्थप्रभा जी ने भिक्षु के अभिनिष्क्रमण, तेरापंथ की स्थापना और नए मार्ग में आए बाधाओं का वर्णन किया और गुरु पूर्णिमा के संदर्भ में गुरु की महत्ता पर प्रकाश डाला।

पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि दुनिया में सच्चाई, ईमानदारी और प्रमाणिकता का बहुत महत्त्व है। सच्चाई को खोजना कोई सामान्य बात नहीं। उसके प्रति समर्पण, श्रद्धा होती है।सच्चाई की प्राप्ति के लिए कुछ बलिदान क्षमता हो तो कुछ भी प्राप्त हो सकता है।
धर्मसंघ के विकास के लिए श्रावक-श्राविकाएं अच्छा कार्य करते रहे।

चातुर्मास की स्थापना से पूर्व आयोजित मंत्र जप अनुष्ठान में सैंकड़ों श्रावक_श्राविकाएं सहभागी बने। विभिन्न मंगल मत्रोंच्चार के जप अनुष्ठान के उपरान्त साध्वी श्री ने वर्ष 2022 के चतुर्मास की शुरुआत कर दी।

सभा उपाध्यक्ष प्रमोद बोथरा ने जानकारी देते हुए बताया आज का दिन तेरापंथ की स्थापना से जुड़ा हुआ है। संगठन शुरू करना भी विशेष बात और उसे आगे भी बढ़ाते रहना भी विशेष बात होती है। आचार्य भिक्षु ने इसका भरण-पोषण किया, ऐसी व्यवस्था बनाई जो आज भी चल रही है। उनके बाद के सभी आचार्यों ने भी धर्मसंघ को आगे बढ़ाया, हमारे धर्मसंघ ने विकास किया है और आगे भी विकास होता रहे। आज आचार्य भिक्षु का दीक्षा दिवस भी है।

कार्यक्रम में साध्वी वृंद की अभिव्यक्तियां रही तथा संचालन सभा मंत्री पवन सेठिया का रहा।

रात्रि कालीन वृहद धम्म जागरण का आयोजन किया गया जिसमे बड़ी संख्या में किशोर ,कन्याएं, युवक युवतियों ने एकल गायन की सुमधुर प्रस्तुतियां दी।

जहां उर्मिला गीया,सरिता बोथरा,हेमलता बरडिया, प्रमोद बोथरा,संजय झाबक आदि ने श्रोताओं को मंत्र मुग्ध किया वहीं टीम जेपीएल के सामूहिक संगान से पूरा पंडाल भिक्षुमय हो गया।

केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी श्री चरितार्थ प्रभा जी ने समाज को पावन आशीर्वाद प्रदान किया

तत्पश्चात जय जय ज्योतिचरण जय जय महाश्रमण जयघोष से वातावरण गुंजायमान हो उठा।

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