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बीकानेर,पालीवाल परिवार और बीकानेर साहित्य संस्कृति, कला संगम संस्था के संयुक्त तत्वावधान में नगर की युवा रचनाकार कपिला पालीवाल की पुस्तक ‘विश्राम-एक जीवनी’ का भव्य लोकार्पण समारोह मुरलीधर व्यास नगर स्थित संत पुण्यानंद आश्रम में सफलता के साथ संपन्न हुआ।
कला संगम के संस्थापक अध्यक्ष वरिष्ठ शाइर कहानीकार क़ासिम बीकानेरी ने बताया कि कपिला पालीवाल ने अपने पिता शिव प्रसाद पालीवाल (सहायक प्रशासनिक अधिकारी) के जीवन पर यह पुस्तक लिखी है।
पालीवाल परिवार के टोडरमल पालीवाल ने बताया कि लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता करते हुए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. भंवर भादाणी ने कहा कि लोकार्पित कृति विश्राम-एक जीवनी में पिता की पीड़ा को लेखिका कपिला पालीवाल ने स्वयं भोगा है। आपने एक पिता के संघर्ष का, उसके जीवन में आने वाले तूफ़ान और परेशानियों का गहरी सूझ-बुझ के साथ चित्रण किया है। भादाणी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि वे पालीवाल समाज पर पिछले 20 सालों से काम कर रहे हैं । इतिहास गवाह है कि पालीवाल समाज एक संघर्षशील समाज है और अपनी मर्यादाओं, संस्कारों और उसूलों के संरक्षण के लिए अपनी जान की बाजी लगाने में भी इस समाज के लोग कभी पीछे नहीं हटते।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बीकानेर पश्चिम के विधायक जेठानन्द व्यास ने अपने उद्बोधन का आग़ाज़ काव्यमयी अंदाज़ में किया और लोकार्पित कृति की रचनाकार  कपिला पालीवाल को आशीर्वचन देते हुए कहा कि सुसंस्कृत बेटी ने अपने पिता के जीवन पर लिखकर उनका मान बढ़ाया है, हमें ऐसी बेटी पर गर्व है। मुझे विश्वास है कि एक दिन कपिला पालीवाल एक बहुत बड़ी लेखिका बनेगी। इस अवसर पर आपने बीकानेर के विकास के लिए अपने संकल्प को भी दोहराया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ कवि कथाकार कमल रंगा ने अपनी बात प्रस्तुत करते हुए कहा कि विश्राम-एक जीवनी करुणा, वेदना और संवेदना का सच्चा दस्तावेज है। जीवनी लिखना बहुत मुश्किल काम है और पारिवारिक स्तर पर जीवनी लिखना एक हौसले का काम है। मेरी नज़र में यह एक ऐतिहासिक कृति है जिसमें एक पुत्री ने अपने पिता के जीवन काल में उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को बख़ूबी सामने रखा है।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि नगर निगम बीकानेर की महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने कहा कि जीवनी लिखते वक़्त पिता के संघर्ष के हर पल को बेटी ने जिया है। धन्य है ऐसी संस्कारी बेटी और धन्य है अपने बच्चों में उच्च संस्कारों का पोषण करने वाले आदर्शवादी पिता।
लोकार्पित पुस्तक पर नगर की वरिष्ठ रचनाकार डॉ.कृष्णा आचार्य ने सारगर्भित पत्र वाचन करते हुए कहा कि विश्राम-एक जीवनी एक पिता के संघर्ष की यात्रा कथा है, जिसमें लेखिका कपिला पालीवाल ने अपने पिता के कठिन संघर्ष के साथ उनके अदम्य साहस, मेहनत और धैर्य को अपनी क़लम द्वारा भावनात्मक शब्दों के साथ उकेरा है। आचार्य ने कहा कि साहित्य की ये विधा पुरानी है परन्तु इस विधा मे अभी और कार्य करने की महती आवश्यकता है। लेखिका को साधुवाद कि उसने अपनी गहरी समझ और प्रल्गभता के साथ इसे सरल, सहज एवं साहित्यिक भाषा में प्रस्तुत किया है।
कार्यक्रम के संयोजक वरिष्ठ शाइर कहानीकार क़ासिम बीकानेरी ने कहा कि विश्राम-एक जीवनी पुस्तक के ज़रिए युवा रचनाकार कपिला पालीवाल ने आपने पिता के जीवन के संघर्षों को बख़ूबी पेश किया है। जज़्बातों से लबरेज़ यह पुस्तक हमें गहरे अंतर्मन तक सोचने पर विवश कर देती है। ख़ास बात यह है कि लेखिका ने इस पुस्तक में अपनी कुछ कविताओं के ज़रिए भी पिता के जीवन के कई अनछुए पहलुओं को भावनात्मक शब्दों के ज़रिए सामने लाने की कोशिश की है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत भाषण देते हुए संस्कृतिकर्मी डॉ. नृसिंह बिन्नानी ने कहा कि पुस्तक में लेखिका ने अपने पिताजी के जीवन अनुभव एवं मन के भावों को बहुत सुंदर तरीक़े से अभिव्यक्त किया है। इसके लिए वे बधाई की पात्र हैं।
पुस्तक की लेखिका कपिला पालीवाल ने समस्त अतिथियों एवं आगंतुकों का आभार जताते हुए पुस्तक के चुनिंदा अंशों के साथ अपनी कविताएं भी पेश की।
समारोह में गोल्डन गेट अकादमी विद्यालय की प्रधानाध्यापिका कंचन वर्मा एवं हेमाराम जाट ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम में नवाचार के रूप में नगर के चुनिंदा रचनाकारों ने काव्य पाठ किया। जिनमें वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.शंकर लाल स्वामी, वरिष्ठ कवयित्री मोनिका गौड़, वरिष्ठ कवि कथाकार राजाराम स्वर्णकार, युवा कवि विप्लव व्यास एवं हास्य रस के कवि कैलाश टाक ने अपनी एक से बढ़कर एक कविताओं से श्रोताओं का भरपूर ज्ञानार्जन के साथ मनोरंजन भी किया।
पालीवाल परिवार और बीकानेर साहित्य, संस्कृति कला संगम द्वारा समस्त अतिथियों, संयोजक एवं पत्रवाचक का माल्यार्पण,शॉल, साफ़ा एवं स्मृति चिह्न द्वारा स्वागत सम्मान किया।
बीकानेर साहित्य संस्कृति कला संगम द्वारा रचनाकार कपिला पालीवाल एवं शिव प्रसाद पालीवाल का माल्यार्पण, शॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह द्वारा सम्मान किया गया।
शिवप्रसाद पालीवाल एवं कपिला पालीवाल द्वारा डॉ.अजय जोशी, चित्रकार योगेंद्र पुरोहित, गिरिराज पारीक, बी.एल. नवीन, गंगाबिशन बिश्नोई ‘ब्रह्मा’, डॉ.मोहम्मद फ़ारूक़ चौहान, एडवोकेट इसरार हसन क़ादरी, बाबूलाल बमचकरी एवं गोपाल पुरोहित को लोकार्पित कृति भेंट की गई।
कार्यक्रम में नगर के अनेक प्रबुद्धजन मौजूद थे। जिनमें गोपाल पालीवाल, ललिता देवी पालीवाल, मनोज पालीवाल, गायत्री देवी पालीवाल, महावीर पालीवाल, टीकमचंद पालीवाल, चंद्रप्रकाश जोशी, टोडरमल पालीवाल, मोहन पालीवाल, गुड्डी देवी, रामादेवी मिश्रा, शांति देवी बूंदी, श्याम पालीवाल एवं व्यास योगेश राजस्थानी मौजूद थे।
कार्यक्रम का सफल एवं सरस संचालन क़ासिम बीकानेरी ने किया।
अंत में आभार ज्ञापन शिवप्रसाद पालीवाल ने किया।

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