बीकानेर,जयपुर. मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर से किसान आंदोलन को लेकर केन्द्र पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में 600 लोग शहीद हो गए, लेकिन ना हमारे वर्क का कोई नेता बोला और ना ही लोकसभा मैं कोई शौक प्रस्ताव आया। इससे मैं आहत था गुस्से में था दिल्ली से एक चिट्ठी तक नहीं आई जबकि कोई पशु भी मरता है, तो दिल्ली के नेता शोक संदेश जारी कर देते हैं। जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित ग्लोबल जाट समिट में मलिक ने किसान आंदोलन का समर्थन किया तथा केन्द्र सरकार से किसानों से बात करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली के उन 2-3 लोगों की इच्छा के खिलाफ बोल रहा हूं जिन्होंने मुझे गवर्नर बनाया लेकिन वे जब कहेंगे तभी मैं तत्काल पद से हट जाऊंगा। मैं मां के पेट से गवर्नर पैदा नहीं हुआ।
खुलकर बोलूंगा,शायद राज्यपाल नहीं रहूं…
मेघालय के राज्यपाल ने कहा कि अगली बार आऊंगा,तो खुलकर बोलूंगा क्योंकि अगली बार शायद मैं
राज्यपाल ही न रहूं। मलिक ने केंद्र के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर भी सवाल उठाए। इसकी जगह यूनिवर्सिटी बनाते।
मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा, आपको गलतफहमी
राज्यपाल मलिक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर आंदोलन को लेकर मैंने बोला था कि आपको गलतफहमी है। किसान अपने हक के लिए हर कदम पर लड़ेगें। न सिखों को और न ही जाटों को हराया जा सकता है।उन्होंने कहा कि सरकार के एक-आध लोगों के दिमाग में घमंड है।
किसानों का लाल किले पर झंडा फहराना सही,बेवजह मुद्दा बनाया
राज्यपाल मलिक ने किसानों के लाल किले पर झंडा फहराने को सही ठहराया और कहा कि पहला अधिकार प्रधानमंत्री का है और दूसरा हमारा है लेकिन उसे भी बेवजह मुद्दा बनाया गया। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर की गर्दन लाल किले पर कट्टी हो तो क्या उनकी संतान को लाल किले पर झंडा फहराने का अधिकार नहीं है..?