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बीकानेर। शराब की कालाबाजारी, रात आठ बजे बाद बिक्री एवं नकली शराब पर अंकुश लगाने के लिए सरकार और आबकारी विभाग की ओर से शराब ठेकों पर पोस मशीन लगाने की योजना एक साल बाद भी सिरे नहीं चढ़ पाई है। अब एक बार फिर से पोस मशीने लगाने की कवायद शुरू की जा है। जिले की 60 शराब दुकानों पर पोस मशीनें लगाई गई है जो केवल ख़ानापूर्ति है।आबकारी अधिकारी पोस मशीनें नहीं लगने का तर्क भी अजीब बता रहा है। विभाग के अधिकारी बताते हैं कि पोस मशीनों की कमी चल रही है, जिससे ठेकेदार नहीं लगवा पा रहे है। वहीं सूत्र बताते है कि पोस मशीनें लगने से आबकारी विभाग के अधिकारी और ठेकेदारों के बीच चल रहा धांधली का खेल खत्म हो जाएगा।

जिलेभर में 226 दुकानें हैं।
जिलेभर में शराब की 226 दुकानें हैं, जिन पर पोस मशीन रखना अनिवार्य किया गया है। इससे हर दुकान पर होने वाली रियल टाइम बिक्री पर आबकारी विभाग निगरानी करेगा। सभी दुकानें ऑनलाइन आबकारी मुख्यालय और जिलास्तर पर जुड़ी रहेंगी। सभी दुकानों को इसके दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। एक अगस्त, 21 से शराब की दुकान से बिकने वाली हर चीज की बिक्री रिकॉर्ड में दर्ज होनी थी लेकिन यह अभी जिले में महज 60 शराब दुकानों पर ही पोस मशीन लगाई गई है।

यह होगा फायदा
पोस मशीन लगने से आबकारी विभाग हरेक शराब दुकान की ऑनलाइन निगरानी रख सकेगा। किस दुकान के स्टॉक में कितना माल है, यह आबकारी विभाग एक क्लिक में जान लेगा। पोस मशीन लगने के आबकारी विभाग इन नई आबकारी नीति में अब दुकानों पर होने वाली गड़बड़ी पर भी शिकंजा कस सकेगा। पव्वा हो या बोतल, हरेक की खरीद की ऑनलाइन निगरानी होगी। स्टॉक भी ऑनलाइन होने से अब पहले की तरह दो नंबर की शराब भी इन दुकानों से नहीं बेची जा सकेगी।

सरकार को चपत लगेगी ना शौकीन ठगे जाएंगे
पोस मशीन की व्यवस्था लागू होने से न तो शराब के शौकीन ठगे जाएंगे और न ही सरकार को चपत लगेगी। हर बोतल और पव्वे पर बार कोड होगा, जिससे ग्राहक मोबाइल से स्केन करके यह पता लगा सकेगा कि शराब कहां, कब बनी है और उसकी कीमत क्या है। शराब की बोतल पर बार कोड को पोस मशीन से स्कैन करते ही शराब की ब्रांड, मात्रा, गुणवत्ता आदि जानकारियां स्क्रीन पर होगी। ऑनलाइन व्यवस्था के चलते इसका पूरा ब्यौरा मुख्यालय पर भी रियल टाइम में प्रदर्शित होगा।

बिल में सभी कर शामिल
शराब/बीयर पर दर्ज एमआरपी मूल्य में सभी टैक्स शामिल हैं। एमआरपी मूल्य में सभी कर समाहित हैं, ऐसे में शराब के शौकीनों को कोई अलग से भार नहीं पड़ेगा। बिल देने से सेल्समैन की जबरन वसूली पर रोक लगेगी। साथ ही दुकान से उठे माल का भी मिलान हो पाएगा। वैसे तो सभी दुकानों पर देसी-अंग्रेजी शराब के साथ बीयर आदि की भी रेट लिस्ट लगाने का प्रावधान सालों पुराना है।

इनका कहना है

एक अगस्त से नई व्यवस्था लागू करनी थी लेकिन कोरोना के चलते संभव नहीं हो पाई। अभी जिले की 60 दुकानों पर पोस मशीन लगाई गई है। सरकार व शौकीनों के लिए फायदेमंद है। पोस मशीन से बिल बनेगा, इससे आबकारी विभाग को हर दुकान की बिक्री और स्टॉक का पता रहेगा। विभाग हर दुकान की रियल टाइम निगरानी करेगा। शराब-बीयर मूल्य से अधिक नहीं बिकेगी न ही रात आठ बजे बाद इनके बिकने की संभावना रहेगी।
-डॉ. भवानीसिंह राठौड़, जिला आबकारी अधिकारी

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