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बीकानेर के राजकीय डूंगर महाविद्यालय के राजस्थानी विभाग में आज राजीव गांधी स्मार्ट रूम में एक व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के पूर्व अध्यक्ष श्री श्याम महर्षि थे। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा को आगे लाने के लिए सरकार को अब सकारात्मक पहल करनी चाहिए इस व्याख्यान माला का विषय “राजस्थानी भाषा: दशा और दिशा” पर अपनी बात रखते हुए श्री महर्षि ने कहा कि आज आवश्यकता है की मातृभाषा को स्कूली स्तर पर शुरू किया जाना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जीपी सिंह ने कहा कि महाविद्यालय में राजस्थानी विभाग कि प्रगति के लिए महाविद्यालय प्रशासन हर समय साथ रहेगा और विद्यार्थियों के हित में काम करता रहेगा। इस अवसर पर उन्होंने व्यक्तिगत रूप से 5100रू राजस्थानी विभाग को पुस्तकों के लिए दिये। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती सरस्वती वंदना से हुई इस अवसर पर राजस्थानी विभाग प्रभारी डॉ. सुचित्रा कश्यप ने सभी आगंतुकों का शब्दों के माध्यम से स्वागत करते हुए श्री श्याम महर्षि जी का परिचय करवाया तथा डॉ विजय कुमार एरी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि राजस्थानी भाषा की समृद्धि का कारण उनकी बोलियां है डॉ. नरेंद्र नाथ ने कहा कि भारत की विविध भाषाएं अनेकता में एकता का प्रतीक हैं। विषय प्रवर्तन करते हुए डॉ. नमामि शंकर आचार्य ने कहा कि राजस्थानी भाषा के लिए आज जनभागीदारी की आवश्यकता है। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने मुख्य अतिथि के समक्ष कई प्रश्न रखे जिनका श्री महर्षि ने सहजता के साथ निवारण किया इस अवसर पर हिंदी की डॉ. सुमन राठौर ने भी इक्कीस ₹100 राजस्थानी विभाग को पुस्तकों के लिए दिए ।कार्यक्रम में डॉ. सोनू शिवा, डॉ. अनीता गोयल, डॉ.अनिल बारिया, डॉ. राजेंद्र कुमार पुरोहित,श्री निर्मल राकांवत, डॉ.ललित वर्मा, डॉ. शशिकांत आचार्य डॉ. विश्व प्रभा आदि कार्यक्रम में उपस्थित रहे। सभी अतिथि गणों एवं विद्यार्थियों का डॉ. रजनी हर्ष ने धन्यवाद ज्ञापित किया तथा कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. गौरी शंकर प्रजापत ने किया।

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