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बीकानेर,जिला उद्योग संघ अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया एवं सचिव वीरेंद्र किराड़ू ने राजस्थान प्रदेश के कृषि आधारित उद्योगों की जायज मांगों को मानकर राज्य पर गहराए संकट को दूर करवाने बाबत मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम का ज्ञापन जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि के मार्फ़त भिजवाया । ज्ञापन में बताया गया कि वर्तमान में पिछले 6 दिनों से कृषि आधारित उद्योगों द्वारा पूरे प्रदेश में हड़ताल की जा रही है जिससे इसका असर सीधा सरकार के राजस्व पर तो पड़ ही रहा है साथ ही साथ दाल, तेल एवं अन्य कृषि आधारित उद्योगों से माल ना मिल पाने के कारण दूसरे उद्योग जैसे भुजिया, पापड़, नमकीन आदि उद्योगों के अस्तित्व पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है | तथा राज्य में पशुओं हेतु उपलब्ध पशु आहार की भी कमी का ख़तरा मंडराने लगा है साथ ही इससे पूरे राजस्थान के औद्योगिक विकास की गति को तो ब्रेक लगा ही है साथ ही साथ दिहाड़ी मजदूरों व उत्पादन इकाइयों के श्रमिकों के जीवन निर्वहन पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है जो कि जीवन यापन हेतु कहीं ना कहीं अपराधिक घटनाओं के लिए भी जिम्मेवार बन सकता है | राज्य सरकार द्वारा कोरोना काल के समय कृषि आधारित उद्योगों पर कृषक कल्याण शुल्क लगाया था लेकिन इन्हीं कारोबारियों द्वारा इसे समय की मांग समझते हुए निष्ठा से अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन किया गया लेकिन अब जब कोरोना काल समाप्त हो गया है लेकिन अब तक इस कर को हटाया नहीं गया है | साथ ही इन उद्योगों में आने वाले कच्चे माल पर मंडी शुल्क 1.60 प्रतिशत शुल्क आरोपित कर दिया गया जबकि अन्य पड़ोसी राज्यों जैसे गुजरात, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली में ऐसा कोई शुल्क नहीं है | राज्य सरकार के ऐसे दमनकारी निर्णयों से राजस्थान के उद्योग अन्य राज्यों की तुलना में पिछड़ रहे हैं और पडौसी राज्यों के उद्योगों से प्रतिस्पर्द्धा में टिक नहीं पा रहे हैं |

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