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बीकानेर,पी सी किशन साहब मुख्य बात यह है कि जोहड़ बीड में लपी से संक्रमित मृत गाय का शव डाला जा रहा है या नहीं ? जिला कलक्टर की ओर से इस संदर्भ में भेजी रिपोर्ट की जांच करने की जरूरत है। रिपोर्ट की बाकी बातो के ज्यादा मायने नहीं है। आप तो खुद गाएं रखते हो। गाय पालन आपकी चित्रकारी के साथ हॉबी रही है।गोपालन के प्रति संवेदना और चित्रकार की साधना से आपके व्यक्तित्व को देखें तो कम से कम सच की साधना का बिम्ब तो आप में देखा जाना ही चाहिए। बीकानेर के जोहड़ बीड क्षेत्र में गैर लम्पी अर्थात सामान्य रूप से मृत पशु ही डाले जा रहे हैं। यह रिपोर्ट कितनी सही है जांच करना व्यापक जनहित में रहेगी। वेटरनरी डाक्टरों का बोर्ड बैठाकर जांच करवाने से पहले इस बात की मृत पशु डालने वाले लोगों ने पुष्टि कर दी है। समाचार पत्र गैर जिम्मेदार हो और कलक्टर सच्ची रिपोर्ट दें इस सच को साबित करने की चुनौती आपके समक्ष भी है। रिपोर्ट के तथ्यों से लगता है कि गायों की सामान्य मृत्यु दर एकदम से कैसे बढ़ गई ? आप पशु पालन विभाग के शासन सचिव है। इसकी पूर्व में पशु पालन विभाग ने और जिला कलक्टर ने आपको रिपोर्ट क्यों नहीं भेजी? इस बात का भी आपको नोटिस लेना ही चाहिए। यह बहुत गंभीर बात है कि जिला कलक्टर लीपा पोती वाली रिपोर्ट भेजकर अपने प्रशासनिक कमी को छिपा रहे हैं। जांच करवा लें ।यहां लपी से मरी हुई गायों के शव है। प्रथम दृष्टया तो ताजा शव नजदीक जाकर कोई देख लें तो त्वचा पर गुंबदियों की भरमार मिल जाएगी। इस पर विश्वास नहीं हो तो वेटरनरी डाक्टरों की टीम से जांच करवा लें। जिला प्रशासन की यह बात कितनी सही है कि लम्पी रोग से मृत पशुओं को बीकानेर के सुजानदेसर, करमीसर एवं नाल क्षेत्र में ही दफनाया जा रहा है। इसकी जांच की जा सकती है। यह गंभीर बात है कि संक्रामक रोग से मृत गाएं के शवों का तय दिशा निर्देशों से निस्तारण नहीं हो रहा है।
शासन सचिव पीसी किशन साहब बीकानेर में मृत पशुओं को खुले में डाले जाने के विषय में प्रकाशित समाचार तथ्यपूर्ण है। इसका आपकी तरफ से जारी खंडन की फिर से पुष्टि करने की जरूरत है। इस प्रकरण में जिला कलक्टर, बीकानेर से प्राप्त तथ्यात्मक रिपोर्ट की जांच से ही सच उजागर होगा। रिपोर्ट के अनुसार जोहड़ बीड क्षेत्र में गैर लम्पी अर्थात सामान्य रूप से मृत पशु ही डाले जा रहे हैं। सरकार को जांच करवानी ही चाहिए। मामला गंभीर है। कहीं मृत गायों के शवों से संक्रमण का नया संकट खड़ा नहीं हो जाए।
शासन सचिव महोदय संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग, उप वन संरक्षक वन्य जीव, बीकानेर तथा आयुक्त नगर निगम, बीकानेर के संयुक्त दल की ओर से दौरा कर प्रस्तुत की गई रिपोर्ट को चैलेंज करना आसान है। मुख्य बिंदु लपी से मृत गाय के शव को वहां डालना है। जो सही है। इस काम में लगे लोग इसकी अभी तक तो पुष्टि कर रहे हैं। रिपोर्ट के इन तथ्यों का विश्लेषण तो आप जैसे अनुभवी प्रशासनिक अधिकारी बखूबी कर सकते हैं कि जोहड़ बीड़ स्थित मृत पशु डम्पिंग यार्ड में लगभग 1000 मृत पशुओं को हड्डियां सूखने के लिए छोड़ा हुआ पाया गया। यह कितना सच हो सकता है कि 1000 मृत गायों का चमड़ी रामदेवरा व पूनरासर आदि मेलों की पद यात्राओं के चलते श्रमिकों के अभाव में ठेकेदार चमड़ी निकालने का काम धीमे होने से काफी संख्या में मृत पशु एकत्रित हो गए। मेला कितने दिनों का था ? मृत गोवंश के शव कितने थे क्या सारे पशु श्रमिक मेले में जाने के दौरान ही मरे हैं ? तथ्यों को तोड़ने मरोड़ने की पराकाष्ठा होती है। वैसे यह झूठ चलाई जा सकती है। एक तो मृत पशुओं के स्थल पर कोई क्यों जाएगा ? दूसरा इस झूठ को झूठ साबित करने की किसे गरज पड़ी है।झूठ चल सकती है। अगर खुदा न खस्ता संक्रमण फैल जाता है तो लेने के देने पड़ सकते है। इस कारण कलक्टर की रिपोर्ट को पुख्ता करने की सख्त जरूरत है । फिर आप जाने। सरकार माई बाप।

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