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बीकानेर,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सबसे महत्वकांक्षी इन्दिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत नगर निगम ने होमवर्क पूरा कर अपनी रिपोर्ट डीएलबी में लेकिन अभी तक राज्य सरकार की ओर से हरी झंडी नहीं मिली है और न ही आगामी कार्यवाही के लिए कोई निर्देश मिले हैं। ऐसे में इस योजना के शुरू होने से पहले ही खटाई में जाने की आशंका है। इस योजना के तहत संविदा भर्ती स्थगित होने पर लोग शहरी रोजगार योजना पर भी संशय है। राज्य सरकार की ओर से शहरों में आमजन के लिए रोजगार सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह योजना लांच की थी। राज्य के शहरी क्षेत्रों में नगरीय निकायों की सीमा में निवास करने वाले परिवार, विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर, असहाय एवं बेरोजगार परिवारों को आर्थिक सहायता देने के लिए रोजगार दिया जाना है। इन कार्यों को चिह्नित करने का काम नगर निगम की ओर से किया जा चुका है। हजारों आवेदकों के आवेदन भी जमा कर लिये गये। निर्धारित प्रपत्र में कार्य-योजना व श्रम बजट का जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति से अनुमोदन कराया जाना था। लेकिन इसी बीच राज्य सरकार ने अपिहार्य कारणों के चलते योजना के तहत संविदा भर्ती पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी। योजना में पात्र परिवारों/ श्रमिकों को सूचीबद्ध कर जॉब कार्ड जारी होंगे। जॉब कार्ड जारी करने के लिए पोर्टल पर उपलब्ध होगा। जॉब कार्ड जारी करने के लिए प्रपत्र-1 में आवेदक स्वयं के स्तर पर या ई-मित्र सेंटर के माध्यम से या नगरीय निकाय के कार्यालय में आवेदन किए जाने पर प्रपत्र -2 में जॉब कार्ड जारी किया जाएगा। शहरी क्षेत्र में भी आर्थिक रूप से जरूरतमंद परिवारों को रोजगार मिल सकेगा। निकाय क्षेत्र में रहने वाले 18 से 60 वर्ष के लोगों को रोजगार मिलेगा। इस योजना में पंजीयन के लिए परिवार का जनआधार कार्ड अनिवार्य है। जनआधार कार्ड यूनिट को परिवार यूनिट माना जाएगा। जॉब कार्ड लेने के लिए प्रत्येक सदस्य को अलग-अलग आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी। नगर निगम आयुक्त गोपाल राम बिरधा के अनुसार नगर निगम प्रशासन की ओर से योजना के लिये संविदा कर्मियों की भर्ती की तमाम तैयारियां पूरी कर ली गई है,राज्य सरकार से आदेश मिलते ही पदों के अनुरूप भर्तिया कर ली जायेगी।

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