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एक बार फिर कोरोना वायरस को लेकर सरकार की ओर से स्वास्थ्य महकमे को अलर्ट कर दिया गया है। H3N2 इन्फ्लूएंजा के साथ-साथ COVID-19 का जोखिम तेजी से बढ़ता जा रहा है।कई राज्यों में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 के लिए नई गाइडलाइंस जारी कर दी है। इसमें कहा गया है कि एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग तब तक नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि जांच से कोरोना संक्रमण होने की पुष्टि नहीं हो। बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ ही दिन पहले कई राज्य सरकारों को पत्र लिखकर बढ़ते मामलों का मुकाबला करने के लिए टेस्टिंग, लाज, और वैक्सीनेशन पर खास तौर से ध्यान देने की बात कही थी।

क्या करें क्या न करें सरकार की इस गाइडलाइंस में कहा गया है कि दवा लेने से पहले कोरोना संक्रमण के साथ अन्य स्थानीय संक्रमण पर खास तौर से ध्यान देने की जरूरत है। कोविड-19 नेशनल टास्क फोर्स की ओर से जारी नई गाइडलाइंस में कहा गया है कि हल्के रोग के दौरान कॉर्टिको स्टेरॉयड की सिफारिश नहीं इस्तेमाल करना चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने, मास्क के इस्तेमाल, समय-समय पर साबुन से हाथ धोते रहने के लिए कहा गया है। बीमारी के लक्षणों पर नजर रखने, शरीर के तापमान की जांच कराते रहने के लिए कहा गया है।इन दवाओं का न करें इस्तेमाल गाइडलाइंस में किन दवाओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इनकी भी लिस्ट जारी कर दी गई है। इसमें हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, आइवरमेक्टिन, मोलनुपिराविर और फेविपिराविर जैसी दवाएं नहीं इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है।

गाइडलाइंस में रोगियों से मध्यम या गंभीर मामलों में 5 दिनों तक रेमडेसिविर पर विचार करने के लिए कहा गया है। यह उनके लिए है। जिनमें संक्रमण बढ़ने का जोखिम है। इतना ही नहीं कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग न करने की भी सलाह दी गई है।

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