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बीकानेर,राजस्थानी भाषा के संवर्द्धन व उन्नयन के लिए चलकोई फाउंडेशन पिछले वर्ष एक मुहीम की शुरुआत की जिसके द्वारा राजस्थान प्रदेश में अपनी मातृभाषा राजस्थानी में नियमित एम.ए. करने वाले विद्यार्थियों को उनकी विश्वविद्यालय- महाविद्यालय में लगने वाले फीस चलकोई फाउंडेशन द्वारा जमा करवाई गई। बीकानेर के महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में वर्ष 2018 से राजस्थानी विभाग स्ववितपोषित विभाग है। जिसमें प्रत्येक वर्ष राजस्थानी विषय में 40 विद्यार्थी प्रवेश ले सकते हैं। चलकोई फाउंडेशन कि इस मुहीम के चलते पिछले वर्ष विद्यार्थियों का राजस्थानी भाषा के प्रति अच्छा रुझान रहा जिससे विश्वविद्यालय में 100 से अधिक विद्यार्थियों ने राजस्थानी में एम. ए. करने हेतु अपना आवेदन किया। उन आवेदनो में से मेरिट के अनुसार 40 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया जिसकी फीस चलकोई फाउंडेशन ने वहन की। इसी प्रकार की व्यवस्था बीकानेर के राजकीय डूंगर महाविद्यालय के साथ साथ संपूर्ण राजस्थान में रही। युवा समिति के रामावतार उपाध्याय ने बताया कि इस वर्ष भी चलकोई फाउंडेशन द्वारा बीकानेर सहित पूरे राजस्थान में नियमित एम. ए. राजस्थानी करने वाले विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के रूप में संपूर्ण फीस चलकोई फाउंडेशन के संरक्षक शिक्षाविद् राजवीर  चलकोई द्वारा प्रदान की जाएगी। इस हेतु विश्वविद्यालय में आवेदन की अंतिम दिनांक 25 जुलाई 2025 है। अंतिम दिनांक तक प्राप्त होने वाले आवेदनों में से मेरिट के अनुसार 40 विद्यार्थियों का एडमिशन विश्वविद्यालय द्वारा लिया जाएगा। इसी तरह कोलकाता की गंगा मिशन चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा पिछले 4 वर्षों से महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में नियमित एम.ए फाइनल करने वाले विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जा रही है।राजस्थानी भाषा के प्रोत्साहन के लिए चलकोई फाउंडेशन व गंगा मिशन चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किए जा रहे प्रयासों का राजस्थानी मोटयार परिषद बीकानेर के हिमांशु टाक द्वारा आभार व्यक्त किया गया।

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