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बीकानेर जिला उद्योग संघ अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया, उपाध्यक्ष नरेश मित्तल एवं सचिव वीरेंद्र किराडू ने राजस्थान के दलहन उद्योग पर लगाए गए मंडी शुल्क में छूट प्रदान करने हेतु पत्र मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एवं राजस्थान के सांसदगण व विधायकगण को भिजवाया | पत्र में बताया गया कि राजस्थान राज्य में लगने वाला मंडी शुल्क व कृषक कल्याण शुल्क यहाँ की दाल दलहन उद्योगों के लिए वज्रपात के समान है इससे राज्य की दाल मीलों को तो भारी नुकसान होगा ही साथ ही साथ राज्य में निवेशकों का प्रतिशत भी घटेगा | जहां राज्य सरकार एक और आगामी दिसंबर माह में इन्वेस्टर समिट करवाने का मानस बनाए हुए है वहीं दूसरी और दाल दलहन उद्योगों पर ऐसे करारोपण करना राजस्थान सरकार की उद्योगों के विकास एवं विस्तार की भावना को तो धूमिल करेगी ही साथ ही साथ राजस्थान में निवेशकों को भी अपने पैर पीछे लेने को मजबूर करेगी | राजस्थान में दिनांक 19.07.2024 को जारी अधिसूचना के बाद कृषि उपज मंडी प्रांगण सीमा के बाहर भी कृषि मंडी शुल्क एवं कृषक कल्याण शुल्क की देयता लागू हो गई है जिससे राजस्थान राज्य का दलहन उद्योग प्रभावित हो रहा है | अन्य प्रान्तों से कृषि उपज शुल्क चुकाकर आयातित कच्चे माल पर पुन: कृषि मंडी शुल्क 1.60 प्रतिशत एवं कृषक कल्याण शुल्क 0.50 प्रतिशत दोहरा शुल्क चुकाने के कारण राजस्थान के दाल मिलर्स वर्तमान प्रतिस्पर्द्धा के दौर में अपना तैयार माल बेच नहीं पा रहे है और इकाइयां बंद होने की स्थिति में आ गई है जबकि पडौसी राज्यों यथा दिल्ली में मंडी शुल्क दर शून्य है तथा गुजरात एवं मध्यप्रदेश में भी मंडी शुल्क की दर राजस्थान से बहुत कम है | इसी तर्ज पर राजस्थान राज्य में मंडी शुल्क की दरें पडौसी राज्यों के समान की जाए |

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