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बीकानेर और पूरे राजस्थान में अवैध कॉलोनियां काट कर बेचना आम धंधा बना हुआ। यह सब नगर नियोजन, नगर विकास न्यास, नगर निगम, भू प्रबंधन, राजस्व विभाग, तहसीलदार, पटवारी से लेकर अन्य अधिकारियों की मूक सहमति से अथवा मिली भगत से होता आ रहा है। यह सर्व विदित ( ओपन फेक्ट ) सच है। नगर नियोजन विभाग के मास्टर प्लान को कोन विकृत कर रहा है ? मास्टर प्लान में पार्क है वहां अस्पताल या मार्केट बना है। मास्टर प्लान में निर्धारित भू उपयोग के बहुत सारे मामलों में प्रशासन की ही अनदेखी है।शहर की परिधि में अवैध कॉलोनी बसाई जाए और जिम्मेदार विभाग को पत्ता नहीं चले क्या ऐसा हो सकता है कमिश्नर साहब? क्या लाखों के वारे न्यारे में उनकी भागीदारी साबित नहीं होती ? संभागीय आयुक्त महोदय। जिम्मेदार के खिलाफ कड़ी करवाई आपके अधिकार क्षेत्र में है। वाकई अवैध कॉलोनियां बसाने का अवैध गोरख धंधा रोकना हो तो पहला काम जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करना है। शहर के मास्टर प्लान परिक्षेत्र में कितनी अवैध कॉलोनियां है यह आपने सूचीबद्ध कर ही ली है। संख्या इस से ज्यादा ही है । जो बस गई है उसको सरकार वैध घोषित कर रही है। अब बीकानेर में प्रशासन किसी भी स्थिति में अवैध कॉलोनियां विकसित नहीं होने देने की हिदायत और दोषी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही करने के निर्देश कितने फलीभूत होंगे कहा नहीं जा सकता। पानी में पत्थर तो फेंको यारों लहरे तो उठेगी …।
नगर नियोजन के मास्टर प्लान में नगरीय परिधि में कृषि भूमि का बिना भू उपयोग परिर्वतन अकृषि कार्य तथा अवैध कालोनियां बसाने के सैकड़ों प्रकरण है। राहत दिलाओं ना। संभागीय आयुक्त की ओर से अवैध कॉलोनियां सूचीबद्ध कर विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की पहल बड़ा कदम है। यह बात कानून सम्मत है कि कृषि भूमि पर अकृषि कार्यों के लिए भू उपयोग परिवर्तन जरूरी है। निमयविरुद्ध स्थिति में जिम्मेदार के विरुद्ध कार्यवाही अपेक्षित है। संभागीय आयुक्त ने निर्देश दिए है : _ 1 अवैध कॉलोनियों की रिपोर्ट तैयार हो। 2 राजस्व न्यायालयों में इनके विरूद्ध मामले दर्ज हो। 3 इन दर्ज प्रकरणों का समयबद्ध निस्तारण हो। 4 नगर विकास न्यास की ओर से तहसीलदार के साथ समन्वय से चकगर्बी में अपने नाम से दर्ज जमीन का कब्जा ले।
5 उप पंजीयक कार्यालय की कृषि भूमि का वर्गफुट या वर्गमीटर आदि माप में पंजीयन नहीं हो, बल्कि राज्य सरकार के सर्कुलर की अनुपालना करते हुए पंजीयन हो। 6 पिछले तीन वर्षों में सर्वे नहीं करने के दोषी पदस्थापित रहे तहसीलदारों के विरुद्ध नियमनुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही हो। संभागीय आयुक्त डा. नीरज के पवन ने अवैध कॉलोनियां बसाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की पहल कर बर्रे के छत्ते को छेड़ा है। क्या कुछ हो पाएगा? या दोषी बच जाएंगे।

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