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बीकानेर,जयपुर,श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के मामले में जयपुर पुलिस लगातार जांच में जुटी है। मंगलवार को पुलिस ने मौके पर सीन रीक्रिएट किया। इसमें दोनों आरोपियों को उसी जगह बैठाया गया, जहां वे हत्या के वक्त बैठे थे। इसके बाद पूरा घटनाक्रम दोहराया गया। पूछा किस व्यक्ति को कितनी गोली मारी।

NIA की दिल्ली और जयपुर टीमें भी इस केस की जांच करेंगी। जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ अब तक की जांच रिपोर्ट को एनआईए के अधिकारियों को देंगे। जयपुर पुलिस के सीनियर ऑफिसर की टीम मंगलवार दिन में हत्याकांड से जुड़े मुख्य आरोपियों को लेकर गोगामेड़ी के आवास पर पहुंची।

दोनों आरोपियों को लेकर उसी कमरे में पहुंची पुलिस की टीम। जहां गोगामेड़ी की हत्या हुई।
दोनों आरोपियों को लेकर उसी कमरे में पहुंची पुलिस की टीम। जहां गोगामेड़ी की हत्या हुई।
पूरा घटनाक्रम दोहराया
नितिन फौजी और रोहित राठौड़ को हाई सिक्योरिटी में मौके पर लाया गया। घटना के वक्त दोनों जिस सोफे पर बैठे थे। दोनों को उसी जगह बैठाया गया। दोनों के सामने सुखदेव सिंह गोगामेड़ी और नवीन सिंह शेखावत के डमी बैठाए गए। फिर घटना अनुसार तय वक्त पर पूरा घटनाक्रम दोहराया गया। इस दौरान सभी को बीच क्या बात हुई, इसके बारे में भी अफसरों ने पूछताछ की।

इन सवालों के जवाब ढूंढ रही पुलिस
सीन रीक्रिएशन के दौरान पुलिस ने पूछा कि सबसे पहले किस पर फायर किया। उसके बाद दूसरी तरफ से किसने फायर किया। गोगामेड़ी पर कितने राउंड चलाए गए। नवीन पर कितने राउंड चलाए। कमरे से बाहर आकर कितनी गोलियां चलाई। पुलिस हर बात की बारीकी से जांच कर रही है।

एफएसएल डायरेक्टर अजय शर्मा ने बताया कि आज दोनों आरोपियों को मौके पर लाकर घटना को रीक्रिएट किया गया। उनसे घटना के बारे में जानकारी ली, जिससे सबूतों की मदद से केस को मजबूत कर सकें।

एक महिला समेत 5 बदमाश गिरफ्तार
इस पूरे मामले में पुलिस अब तक एक महिला सहित 5 बदमाशों को गिरफ्तार कर चुकी है। सोमवार रात को पुलिस की गिरफ्त में आई महिला को अब से कुछ देर में कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।

सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के आवास पर पुलिस बल तैनात रहा।
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के आवास पर पुलिस बल तैनात रहा।
3 शूटरों ने करनी थी हत्या, लेकिन फायरिंग केस में हरियाणा में पकड़े गए, फिर फौजी किया तैयार

बता दें कि गोगामेड़ी के मर्डर के लिए पहले रोहित राठौर और नितिन फौजी नहीं, बल्कि लॉरेंस गैंग के 3 शूटर को चुना गया था। इससे पहले ये वारदात को अंजाम देते उन पर पुलिस पर फायरिंग का इल्जाम लगा। महेंद्रगढ़ पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर गुड़गांव की भोंडसी जेल में भेज दिया। ये शूटर भवानी सिंह उर्फ रोनी, राहुल और सुमित थे। इन्हीं के साथ उस दिन आर्मी से छुट्‌टी पर आए नितिन फौजी का भी नाम आया था। नितिन फौजी फरार हो गया था। इस दौरान जेल में बंद अपने दोस्त भवानी सिंह के संपर्क में रहा।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक भोंडसी जेल में बैठकर भवानी सिंह ने फिर से गोगामेड़ी हत्याकांड की साजिश रची। फरारी काट रहे नितिन फौजी का गैंगस्टर रोहित गोदारा और वीरेंद्र से संपर्क कराया। दोनों गैंगस्टर ने नितिन फौजी को झांसा दिया कि वह उसे फर्जी पासपोर्ट के जरिए कनाडा भेज देंगे। उसे बस जयपुर में एक हत्या करनी है।

5 दिसंबर को दोनों शूटर्स ने गोगामेड़ी और नवीन की हत्या कर दी थी।
5 दिसंबर को दोनों शूटर्स ने गोगामेड़ी और नवीन की हत्या कर दी थी।
करणी सेना के अध्यक्ष को घर में घुसकर गोलियां मारी थीं
5 दिसंबर को दोपहर करीब 1:03 बजे 2 बदमाशों ने गोगामेड़ी पर गोलियां चलाईं, फिर भाग निकले थे। गोगामेड़ी को मेट्रो मास हॉस्पिटल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। गोगामेड़ी के साथ घटना के दौरान मौजूद गार्ड अजीत सिंह गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बदमाशों की फायरिंग में नवीन शेखावत की भी मौत हो गई थी। नवीन ही बदमाशों को गोगामेड़ी के घर ले गया था।

गोगामेड़ी कौन थे
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। इससे पहले लंबे समय तक राष्ट्रीय करणी सेना से जुड़े रहे थे। विवाद के बाद राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के नाम से अलग संगठन बना लिया था।

करणी सेना से अलग होकर बना था संगठन
साल 2006 में सबसे पहले करणी सेना बनी थी। बाद में लोकेंद्र सिंह कालवी ने अलग संगठन राजपूत करणी सेना बनाया था। साल 2012 में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को श्री राजपूत करणी सेना का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन बाद में कालवी और गोगामेड़ी में विवाद हो गया था। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने 2017 में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के नाम से अलग संगठन बना लिया था। श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना है। वहीं सुखदेव सिंह राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना नाम का संगठन संभाल रहे थे।

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