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बीकानेर,जांगल प्रदेश के महाराजा पाण्डु जी गोदारा और उनके गुरु सरस जी महाराज के सम्मान में बीकानेर के रुणिया बास के शेरेरा गाव में 26 मार्च को गोदारा सारस्वा महा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है ।

गोदारा सारस्वा भाईचारा कमेटी से जुड़े जयवीर गोदारा ने बताया की बीकानेर नगर स्थापना से पहले यह क्षेत्र जांगल प्रदेश कहलाता था और या महाराजा पाण्डु गोदारा का आधिपत्य था और उनके गुरु थे सरस जी महाराज , जोधपुर से राव बीका का इस क्षेत्र में आगमन हुआ और उन्होंने उस समय आक्रांताओं से किसानों की मदद की तो सरस जी महाराजा की सलाह से महाराजा पाण्डु गोदारा ने स्वेच्छा से अपना राज पाठ राव बीका को सौप दिया जो इतिहास का अद्धभुत उदारहण है बिना लड़े जगड़े प्रेम से राज पाठ का आदान प्रदान हुआ और उसी समय नेहरा जी गोदारा द्वारा राव बीका को किला बनाने का जागृत स्थान बताया तभी बीकानेर के नाम मे राव बीका और नेहरा गोदारा के नाम का समावेश है , बीका + नेर और उस समय से आज तक या का भाईचारा अपने आप मे मिशाल ही है ।

सद्भभावना के प्रतीक महाराजा पाण्डु जी गोदारा और उनके गुरु सरस जी महाराज की याद में गोदारा सारस्वा भाईचारा कमेटी द्वारा इस महा मोहत्सव का आयोजन 26 मार्च को बीकानेर के शेरेरा गाव में किया जा रहा है जिसमे देशभर से सारस्वा और गोदारा सनाज बन्धु शिरकत करेंगे वही कई नामचीन हस्तियां अतिथि के रूप में मौजूद रहेगी ।

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