बीकानेर,आधुनिक हथियारों की तकनीक समझने के साथ ही दोनों देशों के जवान मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग भी ले रहे हैं. इस युद्धाभ्यास में महिला सैनिक भी भाग ले रही हैं.यह युद्धाभ्यास 11 दिसंबर तक चलेगा.
बीकानेर एशिया के सबसे बड़े युद्धाभ्यास मैदान महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में में इन दिनों भारत (India) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) की सेना का युद्धाभ्यास ‘ऑस्ट्रो हिंद’ जारी है. खास बात है कि इस युद्धाभ्यास में भारतीय सेना (Indian Army) ग्लोबल आर्मी तैयार कर रही है. इस युद्ध अभ्यास के लिए दो-दो सैनिकों की जोड़ी बनाई है. इनमें एक भारतीय और दूसरा ऑस्ट्रेलियाई सैनिक है. ऑस्ट्रो हिंद (Austra Hind) अभ्यास से पहले फ्रांस, रूस, ओमान, ब्रिटेन और अन्य देशों के साथ भी इस तरह का प्रयाेग किया गया था. माना जा रहा है कि ऐसा करने से भारतीय सैनिकों का दूसरे देश के सैनिकों के साथ मेलजोल बढ़ेगा और आपातकाल में आवश्यकता होने पर दोनों देशों के सैनिक मिलकर दुश्मन का मुकाबला कर सकेंगे.
हथियारों के साथ मार्शल आर्ट ट्रेनिंग
आधुनिक हथियारों की तकनीक समझने के साथ ही दोनों देशों के जवान मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग भी ले रहे हैं. इस युद्धाभ्यास में महिला सैनिक भी भाग ले रही हैं. ऑस्ट्रेलिया की वूमेन सोल्जर्स ने इंडियन वूमेन सोल्जर्स को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी. उन्होंने यह टेक्निक बताई कि कैसे पलक झपकते ही दुश्मन को बिना हथियार हाथों से धूल चटा सकते हैं. महिलाकी एक्टिवनेस देखकर सभी दंग रह गए. रेत में भारतीय जवानों के साथ ऑस्ट्रेलियाई जवान दिन-रात युद्धाभ्यास कर रहे हैं. विदेशी जवानों के लिए भारतीय भूमि पर यह एक अलग और अनूठा अनुभव है.
150 से ज्यादा सैनिक व अधिकारी
ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास ऑस्ट्रा-हिंद श्रृंखला का यह प्रथम अभ्यास है. दोनों ही देशों की सेनाओं के बीच 28 नवंबर से शुरू हुआ यह द्विपक्षीय प्रशिक्षण अभ्यास 11 दिसंबर तक जारी रहेगा. इस अभ्यास में दोनों देशों के करीब डेढ़ सौ सैनिक और अधिकारी भाग ले रहे हैं.ऑस्ट्रेलियाई सेना की सैकंड डिवीजन की 13वीं ब्रिगेड के सैनिक अपने हथियारों सहित अभ्यास के लिए पहुंचे हैं. इस संयुक्त युद्धाभ्यास में भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व डोगरा रेजीमेंट के सैनिक कर रहे हैं. दोनों देशों के बीच सकारात्मक सैन्य संबंध बनाने के उद्देश्य से यह युद्धाभ्यास किया जा रहा है. इस दौरान दोनों देशों के जवान एक-दूसरे की सैन्य तकनीक और युद्ध कौशल को समझ रहे हैं.