Trending Now








बीकानेर,चूरू,चूरू के वार्ड नंबर 41 में संचालित ब्राइट माइंड पब्लिक स्कूल ने फीस वसूलने के लिए प्रथम कक्षा में पढ़ रही बच्ची को स्कूल से बाहर निकालकर उसे शिक्षा से वंचित कर दिया है। कोलकाता ट्रस्ट की इस बेईमानी ने उसकी वास्तविकता को उजागर कर दिया है। साथ ही शिक्षा विभाग की सतर्कता की भी पोल खुलकर सामने आ गई है। जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक कार्यालय चूरू के अधीन आने वाली निजी संस्था ब्राइट माइंड पब्लिक स्कूल जो कि चूरू बालिका महाविद्यालय को संचालित करने वाले कोलकाता ट्रस्ट की ओर से संचालित है, ने अपने निजी लाभ के लिए शिक्षा नीति नियमावली की अवहेलना करके अपनी ओर से बनाये गए नियम लागू कर रखे हैं। मिली जानकारी के अनुसार ब्राइट माइंड पब्लिक स्कूल में प्रथम कक्षा में पढ़ रही बच्ची को फीस वसूलने के लिए अपनी ओर से बनाये गए नियम लागू करके शिक्षा से वंचित कर दिया। स्कूल द्वारा 1 अक्टूबर 2024 को बच्ची के घर पर फ़ोन करके कहा जाता है कि फीस नहीं आने पर अब अपनी बेटी को स्कूल नहीं भेजें। यहां बिना फीस वसूले पढ़ाई नहीं करवाई जाती है। बच्चे को घर पर ही रखें, पढ़ाना है तो 20 हजार रुपए जमा करवाने होंगे। इसके अलावा बार बार कॉल के जरिये अभिभावकों पर लगातार मानसिक दवाब बनाया जाता रहा है। यहां 6 दिन से स्कूल की मनमानी लगातार ऐसे ही चल रही है। स्कूल की मनमानी के कारण बालिका घर पर ही रह रही है। हालांकि राजस्थान सरकार की शिक्षा नीति के नियमानुसार निजी स्कूल द्वारा ऐसा किया जाना शिक्षा नीति की बनाई गई नियमावली के खिलाफ है। यहां प्रधानाचार्य की ओर से मनमाने तरीके से नए नियम थोपे जा रहे हैं। इस स्कूल में निशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की भी धज्जियां उड़ाई जा रही है। विद्यालय ने 25 प्रतिशत सीट पर अभावग्रस्त परिवार के बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने की योजना बना रखी है, लेकिन इस विद्यालय में प्री प्राइमरी कक्षा में 5-6 बच्चों को ही प्रवेशित किया गया है, जबकि प्रथम कक्षा में करीब 70 से अधिक बच्चों ने आवेदन किया है, लेकिन किसी एक बच्चे को भी प्रवेश नहीं दिया गया है। जबकि 25 प्रतिशत सीट पर कक्षा प्री प्राइमरी से लेकर 1 तक राज्य सरकार के आदेशानुसार आरटीई के तहत भरा जाना था। स्कूल ने नियमों की अवहेलना व मिलीभगत करके आरटीई प्रवेश में गड़बड़ी की गई है। यह उच्च स्तरीय जांच का विषय है। जिला शिक्षा अधिकारी व कलेक्टर को इस ओर ध्यान देकर विद्यालय के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।

Author