बीकानेर,संवेदना के स्तर पर माहिर बीकानेरी की गज़लें अवाम को प्रभावित करती है क्योंकि इनकी गज़लें समसामयिक विषयों पर वैचारिक धरातल तैयार करती है और इनकी ग़ज़लों में आम आदमी की पीड़ा बेबसी और तकलीफें प्रकट होती है । यह कहना था साहित्यकार और केंद्रीय साहित्य अकादमी नई दिल्ली के सदस्य डॉक्टर बृज रतन जोशी का जो अस्मत अमीन सभागार में बीकानेर के वरिष्ठ शायर गुलाम मोहियूद्दीन माहिर की हाल ही प्रकाशित कृति लम्स पर अपना अध्यक्षीय उद्बोधन दे रहे थे । सोशल प्रोग्रेसिव सोसाइटी बीकानेर के अध्यक्ष नदीम अहमद नदीम ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि माहिर शायरी की शानदार परंपरा का निर्वहन करने वाले उस्ताद शायर हैं ।अपने दादा हजरत बेदिल और पिता मोहम्मद अयूब सालिक के साहित्यिक संस्कारों को आत्मसात किया नए प्रतिमान स्थापित कर रहे हैं। मुख्य अतिथि शायर रवि शुक्ला ने कहा कि गुलाम मोहियूद्दीन माहिर की गजलों को पढ़कर लगता है कि आप इंसानियत को गहराई तक बेहतर समझ सकते हैं तभी तो इनके अशआर पढ़कर आम आदमी आश्चर्यचकित रह जाता है कि गूढ़ बातों को कितनी सहजता से संप्रेषित कर देते हैं संप्रेषणीयता का यह गुण माहिर को दीगर शायरों से अलग करता है । लम्स पर पत्र वाचन करते हुए युवा साहित्यकार संजय जनागल ने कहा की गुलाम मोहियूद्दीन माहिर ऐसे शायर है जो समाज की संगतियों को उजागर तो करते हैं साथ ही कमजोर आदमी को साहस के साथ संघर्ष की प्रेरणा भी देते हैं । आपकी गजलों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मोटिवेशन के तत्व पाठक महसूस कर सकते हैं । लम्स के विमोचन कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में मुफ्ती सद्दाम हुसैन कासमी ने कहा कि माहिर की गजलों में सूफीवाद झलकता है और आप सही अर्थों में मानवता को प्रतिष्ठित करने वाले बेजोड़ शायर हैं । विशिष्ट अतिथि जीत सिंह ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि गुलाम मोहियूद्दीन माहिर की शायरी में रिवायत और आधुनिक बोध का का अनूठा संगम है। सोशल प्रोगेसिव सोसायटी बीकानेर की ओर से इरशाद अज़ीज़, संजय आचार्य वरुण ,अब्दुल जब्बार जज्बी ने गुलाम मोहियूद्दीन माहिर को शॉल ,श्रीफल, अंग वस्त्र, और साहित्य भेंटकर सम्मान किया । कार्यक्रम में अस्मत अमीन, तस्नीम बानों, विजय शर्मा ,प्रदीप भटनागर , संजय पुरोहित, आत्माराम भाटी,दयानंद शर्मा ,डॉक्टर सीमा भाटी ,शिवनाम सिंह , सी ए सुधीश शर्मा ,आदित्य शर्मा ,नीतू ढल्ला ,सुषमा गहलोत घनश्याम गहलोत, इमरोज़ नदीम, विजय सिंह राठौर , मोहम्मद शकील गौरी सहित अनेक गणमान्य लोगों की गरिमामय उपस्थित रही ।कार्यक्रम का संचालन मुफ्ती सद्दाम हुसैन कासमी और अरमान नदीम ने किया ।