बीकानेर,इंदिरा गांधी नहर से जुड़े पांच जिलों में सिंचाई और 10 जिलों में पीने के पानी को लेकर अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई। हरिके से पानी बंद हुए चार दिन बीत गए। कहा गया कि घग्घर का जलस्तर बढ़ने पर आरडी 629 से घग्घर का पानी आईजीएनपी में दिया जाएगा लेकिन जलस्तर उतना नहीं हुआ कि घग्घर का पानी नहर में आ जाए।
इसको लेकर चीफ सेक्रेट्री ने भी वर्चुअल मीटिंग कर हालात जाने। प्रशासन तीन दिन ऐर घग्घर के हालात देखेगा।
अब तक के रिकार्ड में कभी घग्घर का पानी इंदिरा गांधी नहर में नहीं आया उल्टा नहर का पानी ही घग्घर में छोड़ा जाता रहा है। पहली बार ये हालात बने कि घग्घर का पानी नहर में छोड़ने की प्रशासन ने सोची क्योंकि इस बार घग्घर में अब तक सबसे अधिक पानी आ गया। बाढ़ के हालात बन गए। दरअसल घग्घर और इंदिरा गांधी नहर के लेवल में तीन फीट का अंतर है।
नहर फीट ऊंची और घग्घर नीचे है। ऐसे में घग्घर का पानी तब तक नहर में नहीं आएगा जब तक उसका लेवल नहर के बराबर ना हो। यही वजह है कि हरिक से नहर में पानी बंद कराया गया था ताकि घग्घर में ज्यादा पानी आए तो वो नहर में छोड़ दिया जाए। श्ुक्रवार लेवल नहर के बराबर नहीं बना। इसलिए अभी भी घग्घर का पानी नहर में नहीं छोड़ा गया। तीन दिन और इंतजार किया जाएगा क्योंकि उसके बाद जलस्तर कम होना शुरू हो जाएगा। यही वजह है कि हरिके से भी नहर में पानी नहीं छोड़ने दे रहे क्योंकि अगर हरिके से छोड़ दिया और अचानक घग्घर का जलस्तर नहर के बराकर हुआ तो वो पानी नहर में नहीं छोड़ा जा सकेगा।