Trending Now




नई दिल्ली, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओ.एस.डी. लोकेश शर्मा फोन टैपिंग प्रकरण को लेकर एक बड़े संकट में हैं। संकट इतना बड़ा है कि उन्हें जनवरी माह में गिरफ्तार तक किया जा सकता है।

सूत्रों के अनुसार, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने लोकेश शर्मा से सटीक व कड़े प्रश्न किए। बात यहां तक थी कि ओ.एस.डी. शर्मा क्राइम ब्रांच द्वारा पूछे गए प्रश्नों का सीधा उत्तर नहीं दे सके।

दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, दिल्ली क्राइम ब्रांच ने लोकेश शर्मा के खिलाफ काफी साक्ष्य एकत्रित किए हैं। यद्यपि उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट से आगामी 13 जनवरी तक राहत मिली हुई है।

हाई कोर्ट ने घोषणा की थी कि उन्हें 13 जनवरी 2022 तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। सूत्र कहते हैं कि इसकी संभावना अधिक है कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच 13 जनवरी के बाद लोकेश शर्मा को गिरफ्तार कर सकती है।

गहलोत सरकार की समस्या यह है कि लोकेश शर्मा जैसे ही अपना मुंह खोलेंगे, सरकार के कई उच्च पदस्थ अधिकारी बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं।

वर्तमान कानून के हिसाब से फोन टैपिंग केस से बचकर निकलना या राहत प्राप्त करना आसान नहीं है।यदि फोन टैपिंग वैधानिक एवं निर्धारित प्रक्रिया अपनाकर की गई है तो भी फोन टैपिंग में शामिल संबंधित एजेन्सी कोर्ट के अतिरिक्त इसे अन्य किसी को उपलब्ध नहीं करवा सकती। और यदि यह अवैधानिक तरीके से की गई है तो मामला और भी गंभीर हो जाता है। कानून इस तर्क को मान्यता नहीं देता कि व्यक्ति अपने सूत्र का नाम उजागर नहीं कर सकता।

पत्रकार फिर भी न्यायपरायणता के आधार पर इस तर्क का आश्रय ले सकते हैं कि वे अपने सूत्र का नाम उजागर नहीं करेंगे, लेकिन यही तर्क वैतनिक व्यक्ति पर लागू नहीं होता। अब जिस प्रश्न का उत्तर शेष है, वह यह कि लोकेश शर्मा कब तक इस तथ्य को अपने मन में रखकर सरकार के उच्च पदस्थ लोगों को बचा सकते हैं।

अब अशोक गहलोत के लिए लोकेश शर्मा को संतुष्ट रखना अनिवार्य हो गया है क्योंकि असावधानीपूर्वक दिया गया उनका एक भी बयान राजस्थान सरकार के लिए खतरे की घंटी बजा सकता है। खासतौर पर तब जबकि क्राइम ब्रांच के पास यह सूचना है कि फोन टैपिंग का आदेश किसने दिया था, टैप्स कहां से आए थे और लोकेश शर्मा के वॉट्सऐप मैसेजेज़ में क्या था, इत्यादि।

सूत्रों के अनुसार क्राइम ब्रांच ने दिल्ली में लोकेश शर्मा से कड़ी पूछताछ की और लोकेश सवालों के संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके।

सूत्रों का कहना है कि दिल्ली क्राइम ब्रांच को लोकेश शर्मा के खिलाफ कई प्रमाण मिल चुके हैं पर उन्हें हाई कोर्ट से 13 जनवरी तक गिरफ्तारी से राहत मिली हुई है।

चर्चा है कि जैसे ही लोकेश शर्मा मुंह खोलते हैं, गहलोत सरकार के कई अधिकारी मुश्किल में पड़ सकते हैं। मौजूदा कानून के तहत फोन टैपिंग से बचना आसान नहीं है।

Author