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जयपुर. कांग्रेंस चिंतन शिविर की खुशफहमी से बाहर निकलती उससे पहले ही राजस्थान में मंत्रियों और विधायकों ने मुख्मंत्री अशोक गहलोत के सामने मुश्किलों का बम फोड़ दिया.

एक विधायक ने नाराज होकर इस्तीफा दे दिया तो दूसरे विधायक का भाई हत्या के आरोप में गिरफ्तार तो एक मंत्री ने चिंतन शिविर के फैसलों को ही बकवास करार दे दिया. चिंतिन शिविर खत्म होते ही राजस्थान में कांग्रेस और गहलोत सरकार की टेंशन बढ़ गई. यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और डूंगरपुर से विधायक गणेश घोघरा ने विधायक पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी. घोघरा का आरोप है कि सत्ताधारी पार्टी का विधायक होने के बावजूद प्रशासन उनकी नहीं सुन रहा है.

हालांकि इस्तीफे के पीछे असली वजह है घोघरा के खिलाफ पुलिस का केस दर्ज करना. घोघरा ने एसडीएम तहसीलदार समेत करीब 20 अधिकारियों- कर्मचारियों को प्रशासन गांवों के संगठ अभियान में पट्टेै नहीं देैने का आरोप लगा बंधक बनाकर ताला जड़ दिया था. फिर ग्रामीणों के साथ खुद बाहर धरने पर बैठ गए थे.

*मंत्री प्रताप सिहं खाचरियावास ने खड़े किए थे सवाल*
इस बीच गहलोत सरकार में मंत्री प्रताप सिहं खाचरियावास ने कांग्रेस के चिंतन शिविर पर और इसमें लिए गए फैसलों पर ही सवाल खड़े कर दिए. खाचरियवास ने तो चिंतिन शिविर में युवाओं को 50 फीसदी की भागीदारी और एक परिवार से एक टिकट का ये कहकर मखौल उडाया कि ऐसे फैसलों का कोई अर्थ नहीं. उन्होंने कहा कि जिसमें दम होगा वो धरती फाड़कर दीवार तोड़कर आ जाएगा. पार्टी कुछ नहीं कर सकती.

डूंगरपुर से कांग्रेस MLA गणेश घोघरा ने दिया इस्तीफा, बोले- जनता की आवाज नहीं दबने दूंगा

गहलोत सरकार की मुश्किल की वजह ये भी है* गहलोत सरकार में उप मुख्य सचेतक और विधायक महेंद्र चौधरी के भाई मोतिसिंह को पुलिस ने हत्या के आरोप मे गिरफ्तार कर लिया. मोतिसिंह पर नागौर के नावां में बीजेपी नेता की शूटर से सुपारी देकर हत्या करवाने का आरोप है. कांग्रेस के धौलपुर के बाड़ी से विधायक गिरिराज मलिंगा को एक दिन पहले ही हाईकोर्ट से जमानत मिली. दो सरकारी इंजीनियर के हाथ पैर तोड़ने पर मलिंगा को मुख्यमंत्री आवास से सात दिन पहले पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इससे पहले दो महीने से गिरफ्तार न करने से गहलोत सरकार बीजेपी के निशाने पर थी.

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