बीकानेर के डा. करणी सिंह स्टेडियम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की जनता को आत्म विश्वास से लबरेज बॉडी लैंग्वेज से बड़ा संदेश दिया है। खिलाड़ियों और आम लोगों से सहज रूप से मिले। कांग्रेस में चल रही कबड्डी को भूलकर लडकियों का कबड्डी मैच देखा। ग्रामीण ओलंपिक से राष्ट्रीय स्तर पर भविष्य की संभावनाओं का खाका खींचा।
इन्वेस्ट राजस्थान से प्रदेश में भारी निवेश आने की बात कहकर सरकार के प्रयासों की तरफ जनता का ध्यान आकृष्ट किया। वहीं यह कहकर वाहवाही लेने की कोशिश की कि पुरानी पेंशन योजना पूरे देश में लागू हो । महिला मतदाताओं को विश्वास में लेने के लिए 1.33 करोड़ महिलाओं को स्मार्टफोन देने की बात दोहराई।
पश्चिमी राजस्थान की नहर से दूषित जलापूर्ति पर कहा कि इंदिरा गांधी नहर में दूषित पानी की आवक रोकने के लिए पंजाब सरकार को लिखा पत्र है। इन सब बातों का श्रोताओ पर चुनावी सभा जैसा इंप्रेशन रहा। गहलोत का आनन फानन में यह संभाग दौरा वैसे ही सुर्खियों में है। भाजपा और पार्टी में गहलोत के विरोधी इस दौरे को लेकर अचभित है इधर मंच पर मंत्रियों और नेताओं को इस तरह सजाया गया कि संदेश जाए कि सब एक हैं और गहलोत के साथ है।
मुख्यमंत्री अपने साथ जयपुर से शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला, कृषि एवं पशुपालन मंत्री तथा जिला प्रभारी मंत्री लालचंद कटारिया और आपदा प्रबंधन मंत्री गोविंद राम मेघवाल को बीकानेर लाए। ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी, महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज, केश कला बोर्ड के अध्यक्ष महेन्द्र गहलोत, भूदान आयोग के अध्यक्ष लक्ष्मण कड़वासरा, डॉ. भीमराव अम्बेडकर पीठ के महानिदेशक मदन गोपाल मेघवाल, यादव, यशपाल गहलोत, जिया उर रहमान, गजेन्द्र सिंह सांखला को भी मंत्रियों के साथ मंच पर बैठाया गया। जनता के बीच ऐसा आभा मंडल बनाया गया कि गहलोत ही मुख्यमंत्री रहेंगे, परंतु जनता में असमंजस बरकरार है कि सोनिया गांधी क्या निर्णय लेगी ?