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बीकानेर,महंगाई से जनता त्रस्त है। इसके लिए राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तो जिम्मेदार नहीं है। न ही केंद्र की मोदी सरकार जिम्मेदार है। प्रदेश कांग्रेस ने तो मंहगाई के खिलाफ एआईसीसी के आव्हान पर जन जागरण अभियान की शुरुआत कर दी है। मुख्यमंत्री खुद पैदल मार्च करके मंहगाई के खिलाफ अभियान प्रारंभ किया है। पिछले दिनों राजस्थान में कांग्रेस सरकार की विफलताओ, महंगाई और अन्य मुद्दों पर भाजपा ने हल्ला बोल अभियान चलाया। त्रस्त जनता यह तो समझ ले की राजनीतिक दलों के लिए मंहगाई जनता की परेशानी नहीं, बल्कि वोटों के खातिर सिर्फ मुद्दा है। केंद्र में मोदी सरकार और राज्य में गहलोत सरकार मंहगाई के खिलाफ है। दोनों ही सरकारें मंहगाई के लिए जिम्मेदार नहीं है। है ना राजनीति की बात। केंद्र और राज्य की सरकारें कैसे महंगाई को मुद्दा बनाते जा रही है। जनता बेबस है। करें तो क्या करें। अपनी ही पार्टी के नेताओं को पटकनी देने वाले जादूगर अशोक गहलोत केंद्र में भाजपा सरकार को जादूगरी दिखा रहे हैं। जनता जाए भाड़ में। राजस्थान राज्य सरकार के टैक्स के चलते देश में सबसे ज्यादा डीजल पेट्रोल मंहगा है। इसी के चलते राज्य में मंहगाई बढ़ी है। केंद्र सरकार ने डीजल पेट्रोल पर टैक्स घटाया है। केंद्र ने वैट पर एक्साइज ड्यूटी कम कर दी है। राज्य सरकार ने भी दवाब में वैट कम करने की घोषणा भर की है। पहले कहा था कि राज्य वैट नहीं घटाएगा। अब घोषणा के बाद जादूगरी दिखा रहे हैं। गहलोत ने मांग रखी है कि केंद्र एक्साइज ड्यूटी 10 से 15 रुपए कम करें। हालांकि इससे राजस्थान को 3500 करोड़ का राजस्व कम होगा। केंद्र जो टैक्स कम करेगा उस अनुपात में राज्यों का टैक्स अपने आप कम हो जाएगा। है ना जादूगीरी। राज्य सरकार को मंहगाई कम करने के लिए क्या करना है वो गहलोत नहीं करेंगे। केंद्र से मांग करेंगे। दूसरे के आटे से खुद की रोटी पकाएंगे। क्या गहलोत साहब इस जादूगिरी से महंगाई से त्रस्त जनता को राहत मिल जाएगी।? महंगाई के खिलाफ अभियान से जनता वोट दे देगी। यह बात समझ लेना। महंगाई के लिए केंद्र के साथ साथ राज्य सरकार भी उतनी ही जिम्मेदार है। नहीं समझना चाहो तो जनता समझना भी जानती है… मोदी जी गहलोत जी। अपनी जिम्मेदारी संभालो। भला इसी में है। टालने मटोलने या जादूगिरि दिखाने में भला नहीं होना है.. बस

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