बीकानेर,राजस्थान में चुनावों के दौरान और उसके बाद मतदाताओं की राय के आधार पर एक सर्वे हुआ है, उसके नतीजे बड़े ही दिलचस्प हैं।
यह सर्वे लोकनीति-सीएसडीएस ने किया है।
इसका परिणाम इसलिए चौंकाने वाला कहा जा सकता है, क्योंकि हर 10 में से 7 वोटर किसी न किसी वजह से अशोक गहलोत सरकार के काम से प्रभावित नजर आ रहे थे।
राजस्थान में बच गई सत्ता परिवर्तन की परंपरा
लेकिन, 200 सीटों में से जिन 100 सीटों पर चुनाव हुए, उनमें बीजेपी 115 सीटें (41.69%) लेकर सत्ता में पहुंच गई और सिर्फ 69 सीटों (39.53%) पर सिमटकर कांग्रेस पांच साल के लिए सरकार से बेदखल हो गई। वैसे कुछ विश्लेषकों का कहना है कि हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन तो राजस्थान में तीन दशकों से परंपरा बन चुकी है।
केंद्र की योजनाओं ने भाजपा के पक्ष में किया कमाल-सर्वे
दअरसल, सर्वे के कुछ आंकड़े चौंकाने वाले हैं। क्योंकि, भले ही अधिकतर वोटर गहलोत सरकार के काम-काज से खुश नजर आ। लेकिन, तथ्य यह है कि केंद्र सरकार की योजनाओं की सफलता बीजेपी के लिए मास्टरस्ट्रोक का काम कर गईं।
राजस्थान के 80% वोटरों को केंद्र की मोदी सरकार और उसका काम पंसद आ रहा है और इसी ने कांग्रेस और गहलोत सरकार की लुटिया डुबो दी है। इसके अलावा गहलोत सरकार के खिलाफ मतदाताओं का मूड बदलने में भ्रष्टाचार की घटनाओं ने बहुत बड़ा रोल निभाया है।
गहलोत सरकार पर भारी पड़ा भ्रष्टाचार-सर्वे
इस सर्वे के मुताबिक राजस्थान के 51% वोटरों ने माना कि पेपर लीक की घटनाओं ने उनके फैसले को प्रभावित किया है और उन्हें अपना विचार बदलने को मजबूर कर दिया है।
सर्वे में राज्य के वोटरों से सीधा सवाल पूछा गया कि बीते 5 वर्षों में कांग्रेस सरकार के दौरान भ्रष्टाचार पर आपकी राय क्या है? तो 57% ने बताया कि भ्रष्टाचार में बढ़ोतरी हुई है। 11% को लगा कि यह समस्या पहले जैसी ही बनी हुई है। हालांकि, 25% लोगों का जवाब सकारात्मक भी मिला है, जो मानते हैं कि गहलोत सरकार के बीते कार्यकाल में भ्रष्टाचार में कमी आई है।
राज्य सरकार की योजनाओं से कांग्रेस को मिला लाभ-सर्वे
पहले राज्य सरकार के योजनाओं के लाभार्थियों और उनके मतदान का ट्रेंड देखते हैं। चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ राज्य में कुल 58% लोगों तक पहुंचा है। इनमें से 43% ने कांग्रेस और 39% ने बीजेपी को वोट डाले हैं।
इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना का लाभ 26% लोगों को मिला है। इसके 60% लाभार्थियों ने कांग्रेस को वोट किया है और 34% ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया है। इसी तरह से इंदिरा गैस सिलेंडर योजना के कुल 63% लाभार्थियों में से 45% ने कांग्रेस और 36% ने बीजेपी के पक्ष में मत डाले हैं।
कांग्रेस को इस योजना ने किया मायूस-सर्वे
100 यूनिट मुफ्त बिजली योजनाओं के लाभार्थियों ने कांग्रेस को धीरे से सही, जोर का झटका दिया है। इसके कुल 78% लाभार्थियों में से 40% वोट कांग्रेस को मिले हैं और बीजेपी को 41% मत प्राप्त हुए हैं।
केंद्रीय योजनाओं ने खिलाया कमल
अब केंद्र सरकार की दो बड़ी योजनाओं की बात करते हैं, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि इन्हीं की वजह से गहलोत राज्य में सत्ता परिवर्तन का रिवाज बदलने में नाकाम रहे हैं।
राजस्थान में उज्ज्वला योजना के कुल 48% लाभार्थियों में से कांग्रेस को 36% वोट मिले हैं, लेकिन बीजेपी को 45% ने वोट दिया है। वहीं आयुष्मान भारत योजना के 23% लाभार्थियों में से कांग्रेस को वोट करने वालों की संख्या 38% है, जबकि भाजपा के लिए मतदान करने वालों की संख्या 43% रही है।