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बीकानेर,राजस्थान से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के जाते ही एक बार फिर कांग्रेस में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. सचिन पायलट कैंप के माने जाने वाले राजस्थान एससी आयोग के अध्यक्ष और विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने सीएम अशोक गहलोत को इशारों में आड़े हाथों लिया है.

राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से कांग्रेस मुख्यालय पर मुलाकात के बाद बैरवा ने कहा कि आज उन्होंने प्रदेश प्रभारी के सामे अपनी पीड़ा जाहिर की है. बैरवा ने प्रदेश सरकार पर कई आरोप लगाए और कहा कि कैसे उनसे सचिन पायलट के लिए सीएम पद की पैरवी करने के चलते बदला लिया गया. बैरवा ने कहा कि पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग भर रखने का उन्हें खामियाजा उठाना पड़ा और उनके आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की फाइल अटक गई.

वहीं गहलोत के अगले महीने बजट पेश करने को लेकर बैरवा ने कहा कि अभी कौनसा बजट आ रहा है, इन बातों का कोई सिर पैर नहीं है. बता दें कि बैरवा इससे पहले भी गहलोत खेमे के खिलाफ हमलावर रहे हैं. वहीं सियासी घटनाक्रम के पहले बैरवा ने पायलट को सीएम बनाने की मांग पर पुरजोर पैरवी की थी. हालांकि राहुल की यात्रा के दौरान वह शांत रहे थे.

राजस्थान पर आलाकमान की नजर : बैरवा

वहीं बैरवा ने आगे कहा कि आलाकमान राजस्थान पर पूरी नजर रखे हुए हैं और 2023 में सरकार कैसे रिपीट होगी इसको लेकर काम चल रहा है और आलाकमान पूरी लिस्ट तैयार कर रहा है.

वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बजट पेश करने को लेकर उन्होंने कहा कि अभी कौन सी विधानसभा की तारीख आ गई है और कौनसा बजट आ रहा है. बैरवा ने कहा कि गहलोत के बजट पेश करने की बातों में कोई सिर पैर नहीं है ये ख्याली पुलाव है.

पायलट की तरफदारी का हुआ नुकसान

वहीं कांग्रेस विधायक बैरवा ने आगे कहा कि सचिन पायलट की सीएम उम्मीदवार तौर पर पैरवी करने की इच्छा का उनसे बदला लिया गया और सिर्फ मांग भर रखने से एससी आयोग को मिलने वाले संवैधानिक दर्जे की फाइल रोककर रख दी गई.बैरवा ने कहा कि जब मैंने एससी आयोग का चार्ज लिया था तभी मुख्यमंत्री ने संवैधानिक दर्जा देने की बात कही थी लेकिन अभी तक नहीं दिया गया है और आयोग को पंजाब ,केरल जैसे कई राज्यों में पहले से ही संवैधानिक दर्जा मिला हुआ है. इसके अलावा वह बोले कि पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग मैंने नहीं यह तो पूरा राजस्थान रख रहा है.

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