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डूंगरपुर और बांसवाड़ा में निर्णायक मतदाता की भूमिका निभाते हैं पाटीदार समाज, डूंगरपुर के सागवाड़ा में गुजराती पाटीदार समाज का है कल महासम्मेलन, गुजरात में भी पाटीदार समाज निर्णायक भूमिका में, आदिवासी अंचल की 19 में से 16 सीटें एसटी वर्ग के लिए आरक्षित, 8 सीटों पर कांग्रेस और 8 सीटों पर है बीजेपी का कब्जा, बीटीपी के गढ़ में कल पाटीदारों को साधेंगे मुख्यमंत्री*

जयपुर। इसी साल नवंबर माह में गुजरात में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के तहत गुजरात में निर्णायक भूमिका अदा करने वाले पाटीदार समाज को साधने की कवायद कांग्रेस ने शुरू कर दी है। इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को टास्क दिया गया है, गुजराती पाटीदार समाज प्रदेश के बीच डूंगरपुर-बांसवाड़ा में खासा असर रखते हैं।

यही वजह है कि डूंगरपुर और बांसवाड़ा के पाटीदार समाज के जरिए गुजरात की भी पाटीदार समाज को साधने की कवायद की जा रही है। डूंगरपुर के सागवाड़ा तहसील के ज्ञानपुर में कल गुजराती पाटीदार समाज के होने वाले महा सम्मेलन को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संबोधित करने वाले हैं।

इस महासम्मेलन में राजस्थान के साथ-साथ गुजरात के भी पाटीदार समाज के लोग बड़ी संख्या में शिरकत करने डूंगरपुर पर पहुंचे हैं। दिलचस्प बात यह है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का भी अगले माह आदिवासी अंचल का दौरा प्रस्तावित है। ऐसे में शाह के दौरे से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आदिवासी अंचल के दौरे के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। सीएम गहलोत रविवार को जयपुर से हैलिकॉप्टर के जरिए रवाना होकर पौने 12 बजे सागवाड़ा पहुंचकर पाटीदार सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

पूर्व के बाद और अब दक्षिण राजस्थान पर फोकस
दरअसल कांग्रेस पार्टी ने पूर्वी राजस्थान में ईआरसीपी के जरिए दौसा, सवाईमाधोपुर, करौली और भरतपुर जिलों के मतदाताओं का साधने का प्रयास कर रही है तो अब आदिवासीअंचल पर भी पूरा फोकस कर दिया है। आदिवासी अंचल की 8 सीटों पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा है, जिन्हें डेढ़ साल बाद होने जा रहे विधानसभा चुनावों में बरकरार रखने की कवायद की जा रही है।

चार जिलों की 19 में से 16 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित

आदिवासी अंचल के 4 जिलों बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर, प्रतापगढ़ की 19 विधानसभा सीटों में से 16 सीटें आदिवासियों के लिए रिजर्व है। इनमें अकेले बांसवाड़ा डूंगरपुर और प्रतापगढ़ की सभी 11 सीटें एसटी वर्ग के लिए रिजर्व हैं। इसके अलावा उदयपुर जिले की 8 विधानसभा सीटों में से 4 सीटें एसटी वर्ग के लिए रिजर्व है। ऐसे में आदिवासी अंचल पर बीजेपी और कांग्रेस के दिग्गजों की नजर बनी हुई है।

8 सीटें कांग्रेस तो 8 सीटों पर बीजेपी का कब्जा
दिलचस्प बात यह है कि आदिवासी अंचल की 19 सीटों में से 8 सीटों पर कांग्रेस और 8 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है जबकि 2 सीटें बीटीपी और एक सीट निर्दलीय के खाते में है।

बीटीपी के गढ़ में मुख्यमंत्री की सभा
वहीं कल जहां डूंगरपुर के सागवाड़ा में गुजराती पाटीदार समाज का महासम्मेलन का आयोजन हो रहा है। सागवाड़ा भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) का गढ़ माना जाता है और सागवाड़ा में बीटीपी से विधायक है। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पाटीदार समाज के महासम्मेलन के जरिए बीटीपी के गढ़ में भी सेंध लगाने का प्रयास करेंगे।

4 जिलों की यह 16 सीटें हैं आरक्षित
आदिवासी अंचल की जो 16 सीटें एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है उनमें बांसवाड़ा, बागीदौरा, गढ़, घाटोल, कुशलगढ़, आसपुर, डूंगरपुर, चौरासी, सागवाड़ा, प्रतापगढ़,धरियावद, गोगुंदा, खेरवाड़ा, सलूंबर और उदयपुर ग्रामीण है।

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