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बीकानेर,राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार का चौथा वर्ष शुरू हो गया है। अगले साल चुनाव है। गहलोत सरकार की तीन वर्ष की उपलब्धियों के लिए वे खुद और उनके समर्थक पूरे प्रदेश में ढोल पीट पीट कर कहते हैं कि चुनौतियां कम नहीं रही, पर विकास में भी कमी नहीं रखी। यह बात सच है कोरोना से विकास ठप्प हो गया। राजस्व में कमी आ गई। यह चुनौती तो पूरे देश दुनिया के सामने रही है। इससे गहलोत सरकार भी अछूती नहीं रही। फिर भी बजट घोषणा का 70 प्रतिशत का पूरा होने का दावा है तो आश्चर्य होता है। गहलोत सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियों को भाजपा ने चुनौती दी है। भाजपा ने जन कल्याणकारी योजना, सुशासन, विकास और समृद्धि के दावों का राजनीतिक जवाब दिया। भाजपा का कांग्रेस सरकार की तीन वर्ष की उपलब्धियों के प्रत्युत्तर में कहना है कि राजस्थान की झूठी सरकार के तीन काले साल। ये है आज का राजस्थान। बेहताशा बढ़ते अपराध, दुष्कर्म, बेरोजगारी, ठप्प विकास, किसान युवाओं से धोखा_रिश्तेदारों को मौका। सरकार की ओर से तीन सालों की उपलब्धियों को लेकर अभियान चलाकर जनता को मनों में बनाए तस्वीर का भाजपा ने दूसरा पहलू जनता के समक्ष रखा हैं। भाजपा के प्रत्यारोपो के बीच सरकार के कार्यकाल का चौथा वर्ष शुरू हो गया है। गहलोत सरकार सत्ता के संकट से गुजरी है। असली तस्वीर तो चौथे साल के कार्यों से सामने आनी है। बाकी काग्रेस में विद्रोह, सत्ता संकट, जैसे सारे हालात तो अतीत की विस्मृतियोंं में समाया हुआ माना जाएगा। असली तस्वीर इसी साल के कामों से बननी है। अशोक गहलोत सरकार का प्रतिपक्ष भाजपा के आरोपों से बचने का रास्ता चौथे साल होने वाले विकास, जन कल्याण के कार्य ही हथियार साबित हो सकते हैं। तीन साल की उपलब्धियों तो थोथे चने बाजे घणे की कहावत ही चरितार्थ कर रही है।

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