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बीकानेर,राज्य सरकार ने शराबबंदी पर लिखित जवाब दिया है कि प्रदेश में शराबबंदी नही होगी, जिसका मैं पूनम अंकुर छाबड़ा शराबबंदी आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्षा कड़ा विरोध करती हूँ।

इस फ़ैसले से शराबबंदी समर्थकों में भारी नाराजगी है। शराबबंदी समर्थकों ने आंदोलन के साथ-साथ नशामुक्ति अभियान, महिलाओं को जाग्रत करने जैसे कई अभियान चलाये हैं। आज प्रदेश में नशे के कारण दुष्कर्म व अपराध कई गुणा बढ़ गए हैं गत दिनों एक 4 साल की बिटिया को नशे में धुत व्यक्ति ने अपना शिकार बनाया था जो आज हमारे बीच नही रही। ऐसी घटनाएं लगातार सामने आ रहीं हैं।
जस्टिस फ़ॉर छाबडा संगठन के बीकानेर संभाग हसन डीडवाना ने बताया कि सरकार द्वारा पूर्ण शराबबंदी लागू करने पर विचार नही किया तो 03 नम्बर को बीकानेर जिले के तमाम कार्यकर्ता पूनम अंकुर छाबडा के साथ अनशन करेंगे जब तक पूर्ण शराबबंदी राज्य में लागू नहीं करेंगे तब तक अनशन व भूख हड़ताल जारी रखिगे।

नशा करने वाले परिवार में बच्चियाँ सुरक्षित नही हैं। नशे के आदि व्यक्ति की पत्नी को घर-घर जाकर काम करना पड़ रहा है, उनके बच्चों को शिक्षा नही मिल रही है, इन महिलाओं को घरेलू हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है। ऐसी घटनाओं के बाद भी सरकार को राजस्व की चिंता है।

पूनम छाबड़ा ने कहा प्रदेश के मुख्यमंत्री स्वयं को गाँधीवादी नेता कहलाना पसंद करते हैं, इन्हें गाँधी जी के पद चिन्हों पर चलना भी चाहिए। जिन्हें जनता से ज्यादा राजस्व अर्जित करने की चिंता है।
पूनम अंकुर छाबड़ा ने माँग की है राज्य सरकार जल्द ही शराबबंदी पर ठोस रणनीति बनाये नही तो शराबबंदी आंदोलन के लिए अपनी शहादत देने वाले हुतात्मा गुरूशरण जी छाबड़ा साहब के बलिदान दिवस 3 नवंबर से अनशन पर बैठ जाऊँगी।

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