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बीकानेर,दुनिया के विभिन्न देशों में रह रहे प्रवासी राजस्थानियों को राजस्थान सरकार एनआरआर (नान रेजिडेंट राजस्थानी) कार्ड जारी करेगी।इस कार्ड के जरिए प्रवासी राजस्थानियों को प्रदेश सरकार की सभी सुविधाएं आसानी से मिल सकेगी। यह कार्ड विदेश में रह रहे राजस्थानियों के लिए विशिष्ट पहचान पत्र का काम करेगा। विदेश से लौटकर राजस्थान आने वाले प्रवासियों को राज्य सरका की विभिन्न योजनाओं का लाभ इस कार्ड के माध्यम से मिल सकेगा।

कई सुविधाएं मिलेंगी

प्रवासी राजस्थानी यदि अपने गांव या शहर आकर बसना चाहते हैं, तो उन्हें इस कार्ड के माध्यम से सरकारी जमीन का आवंटन कुछ रियायतों के साथ हो सकेगा। उन्हें सरकारी विभागों में कई दस्तावेज जमा करवाने के स्थान पर इस कार्ड को ही देना होगा। प्रदेश में निवेश करने वालों को भी इस कार्ड के माध्यम से विभिन्न विभागों से सुविधाएं मिलेंगी। प्रवासी राजस्थानियों को राज्य पर्यटन विकास निगम और होटल निगम के होटलों, रेस्टोरेंट, वन्यजीव सफारी, अस्पतालों व पर्यटन स्थलों पर इस कार्ड को दिखाने पर किराये में रियायत मिल सकेगी। इसके साथ ही प्रदेश में यात्रा करने समय दुर्घटना में मृत्यु और विकलांगता होने पर एक से पांच लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा का लाभ मिल सकेगा। प्रवासी श्रमिकों को भी कार्ड के माध्यम से रोजगार दिलाने में मदद की जाएगी।
सभी विभाग मानेंगे नीति

राजस्थान फाउंडेशन के अध्यक्ष धीरज श्रीवास्तव ने बताया कि देश में पहली बार अशोक गहलोत सरकार ने प्रवासी राजस्थानियों के लिए नीति बनाकर मंत्रिमंडल से पारित करवाई है। इस नीति को राज्य सरकार के सभी विभागों को मानना होगा। इस नीति का मकसद अगले पांच साल में राजस्थान फाउंडेशन के माध्यम से एक लाख प्रवासी राजस्थानियों को लाते हुए इन्हे प्रदेश से जोड़ना है। नीति के माध्यम से पर्यटन, निवेश, परोपकार और व्यापार जैसे क्षेत्र में प्रवासी राजस्थानियों की भागीदारी को बढ़ाया जाएगा। राज्य सरकार प्रतिवर्ष प्रवासी राजस्थानियों की पहचान करने के साथ ही उनका सम्मान करेगी। नीति कनेक्ट, कल्चर, कम्युनिटी, केयर और कंस्ट्रीब्यूशन के पांच सी कांसेप्ट पर तैयार किया गया है। राज्य सरकार ने अप्रवासी राजस्थानी युवाओं के लिए प्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल कालेजों में 205 सीट आरक्षित की है। अगले साल तक सीटों की संख्या बढ़ाकर 250 करने की तैयारी है।

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