बीकानेर,राजस्थान सरकार अगले साल की शुरुआत यानि जनवरी में बजट लाने की तैयारी में है और इस बार बजट के साथ ही कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कानून भी लाने की तैयारी है। इस कानून को नहीं मानने वाले कोचिंग संस्थानों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया जाएगा।
यह सब इसलिए किया जा रहा है कि प्रदेश में कोचिंग संस्थानों के प्रेशर के कारण लगातार मौतों का आंकडा बढ़ रहा है। एक महीने में ही ग्यारह छात्रों ने पढ़ाई के प्रेशर के चलती अपनी जान दे दी है।
कोचिंग के अजीबोगरीब नियमों पर लगेगी रोक
सचिवालय के अफसरों का कहना है कि राजस्थान सरकार कोचिंग संस्थानों के उट पटांग नियमों पर नकेल कसने के लिए राजस्थान निजी शैक्षिक नियामक प्राधिकरण विधेयक 2022 विधानसभा के आगामी बजट सत्र में पेश कर सकती है। इसका खाका कई महीनों से तैयार है। लेकिन उस पर मुहर लगाने के लिए सीएम समय नहीं दे पा रहे हैं। अब जब बजट की तैयारियां की जा रही है तो भी इस बारे में सीएम को बताया गया है। अब सीएम गहलोत इसे सख्ती से लागू करने की तैयारी में हैं।
सही से नियमों का पालन नहीं हुआ तो लगेगी भारी पेनल्टी
बताया जा रहा है कि सरकार की ओर से जो नियम बनाए जाएंगे अगर वे पूरी तरह से फॉलो नहीं किए जाते हैं तो सरकार पांच करोड रुपए तक जुर्माना कर सकती है। नियमानुसार जो कोचिंग परीक्षाओं की तैयारी कराते हैं ऑन लाइन एवं ऑफ लाइन पढ़ाई के घंटे, छुट्टी के दिन, पढाई का माहौल, कोचिंग या मैस का खाना समेत तमाम नियम बनाए गए हैं ताकि हर
छात्र को हर दिन अपने लिए भी कुछ समय मिले सके।
कोचिंग संचालक को रखना होगा काउंसलर भी
इस विधेयक के लागू होने के बाद हर कोचिंग में काउंसलर भी रखने की बात सामने आ रही है ताकि बच्चों को कोई परेशानी हो तो मौके पर ही उसका समाधान किया जा सके। अगर कोचिंग में कोई भी छात्र अपने आप को नुकसान पहुंचाता है तो इस बारे में कोचिंग संचालक से बेहद सख्ती से निपटा जाएगा।
उल्लखेनीय है कि जयपुर, कोटा, उदयपुर, बीकानेर भरतपुर, समेत अन्य शहरों में कोचिंग संस्थानों की संख्या करीब पांच हजार से भी ज्यादा है और इन संस्थानों में लाखों छात्र अध्ययन कर रहे हैं। सबसे ज्यादा कोचिंग कोटा और जयपुर शहर में हैं।