बीकानेर,मल्लिकार्जुन खरगे बुधवार को पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल लेंगे। इस पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह एक नई शुरुआत है। हम मल्लिकार्जुन खरगे को बधाई देते हैं और हम उनके साथ मिलकर पार्टी को मजबूती देने के लिए काम करेंगे।उन्होंने यह भी कहा कि हम अंतिम मिनट तक राहुल गांधी को मनाते रहे। ताकि वह पार्टी अध्यक्ष बने क्योंकि हमें लगता है कि वह अकेले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को चुनौती दे सकते हैं।
गहलोत का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वह भी पार्टी अध्यक्ष बनने के तगड़े दावेदार थे। एक समय तो लग रहा था कि वह ही पार्टी अध्यक्ष बनेंगे। हालांकि, राजस्थान में उनके समर्थक कांग्रेस विधायक चाहते थे कि गहलोत मुख्यमंत्री पद का दायित्व भी संभाले रहे। इस वजह से गफलत हो गई और गहलोत के हाथ से यह पद छूट गया। 25 सितंबर को कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने नए मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा करने के लिए विधायक दल की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में शामिल होने की जगह विधायक मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर जुट गए थे। जहां गहलोत गुट के मंत्री और विधायकों ने सचिन पायलट के सीएम बनाए जाने का विरोध किया था। बाद में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के आवास पर पहुंचकर इस्तीफा दे दिया था।
छह महीने बाद एक मंच पर गहलोत-पायलट
राजस्थान के सियासी संकट के बीच गहलोत और सचिन पायलट एक साथ नजर आएंगे। करीब छह महीने बाद यह दोनों नेता कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के पदभार ग्रहण कार्यकम में साथ दिखाई देंगे। खरगे के पदभार ग्रहण का कार्यकम आज है। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राहुल गांधी भी भारत जोड़ो यात्रा से दिल्ली लौटे हैं। 27 अक्टूबर राहुल एक बार फिर भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हो जाएंगे। इससे पहले प्रदेश के उदयपुर जिले में मई में हुए कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय चिंतन शिविर में गहलोत और पायलट एक साथ नजर आए थे। इसके बाद से सरकार या कांग्रेस पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में दोनों नेता एक साथ नजर नहीं आए।