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बीकानेर,विश्व के समस्त देशों ने भगवान श्री कृष्ण के द्वारा अर्जुन को दिए गए अनुपम ज्ञान गीता को अपना आदर्श ग्रंथ मान कर अपनी अपनी भाषा में अनुवाद कर इसे अपनाकर अपनी समस्याओ चुनौतियों को नष्ट किया है और गीता भारत का ही नहीं कलिकाल में विश्व का आदर्श ग्रंथ के रूप में अपना स्थान बनाया है।समस्त मानव जाति के लिए गीता सुगीता हो कर मानव जीवन की हर समस्या का समाधान बताती है और मानव को कर्तव्य पथ प्रदान करती है।यह विचार आज धनी नाथ गिरी मठ पंच मंदिर में आयोजित श्रीमद्भगवत गीता पर आयोजित संगोष्ठी में निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर राजगुरु बीकानेर स्वामी श्री विशोकानंद भारती जी महाराज ने दो दिवसीय गीता जयंती महोत्सव पर कहा। सत्प्रेरणा परिषद के वैद्य वाचस्पति जोशी ने बताया कि दिनांक 11दिसंबर को गीता जयंती पर मठ प्रांगण में पूज्य महाराज जी की अध्यक्षता में ही मध्याह्न 2.00बजे से गीता का सामूहिक पाठ व पूजन किया जाएगा।आज संगोष्ठी में शिक्षाविद जानकी नारायण श्रीमाली,पं.मुरली मनोहर व्यास, शास्त्री पंडित गायत्री प्रसाद शर्मा, ताराचंद रेपस्वाल, चंद्रकांत दवे ट्रस्टी ठा.भवानी सिंह राठौड़, मोहन आचार्य,मोडाराम सोलंकी, गोपाल व्यास,प्रकाश वेदपाठी आदि गणमान्य लोगों उपस्थित रहे।

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