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बीकानेर,गीता भवन की गरीमा, पवित्रता व आध्यात्मिकता हर सत्संगीजन के आत्मा की धड़कन है। परमपूज्य श्रद्धेय सेठजी ने सत्संग, ध्यान, भजन व गीताजी के प्रचार हेतु इस पवित्र भूमि की खोज करके भवन की स्थापना की । इन महान विभुति ने शायद यह कल्पना नहीं की होगी कि उनके इस पवित्र संकल्प व प्रयास को कालान्तर में इस भवन के संरक्षण व संचालित करने वाली ट्रस्ट के ट्रस्टीजन ही कलंकित कर, पाप के भागीदार बनेंगे। सत्संग भवन जो प्रभु स्मरण, सत्संग, भजन – साधन में लगे ग्रहस्थियों व संतों का आश्रय स्थल है जहाँ – वृद्धजन , मातायें, बहने सत्संग हेतु वर्षों से आते रहे है। अपने सुविधानुसार कोई 4 महिने, 8 महिने व कोई महाराज जी के समय से लगभग20/25/30 वर्षों से रहकर प्रभु 12:22
स्मरण, सत्संग, साधन – भजन व नियमों का पालन करते है।

गीतभवन की व्यवस्था ट्रस्टियों ने ऐसे दुराचारी, दुर्व्यवहारी भ्रष्ट व पतित व्यक्ति – भवन प्रबंधक गौतम छापरिया के हाथों सौप दी है जिसका कुछ समय पूर्व ही होटल में एक महिला के साथ रंगरेलिया मनाते का एक विडियों वायरल हुआ था। जो सभी सत्संगी महिलाओं के लिए खतरे की घंटी है।

गीता भवन जैसा पवित्र स्थल है वहाँ-वह दुराचारी चरित्रहीन प्रबंधक के रहने से सभी सत्संगी भाई-बहनों के मन में एक भय, चिंता, खौफ व दशहत छाई हुई है पर इससे भी ज्यादा चिंता व विचार का विषय यह है कि ट्रस्ट के सदस्य जिनकी नाक के नीचे ये सारे भ्रष्टाचार, दुर्व्यवहार व चरित्रहीनता यहाँ का प्रबंधक गौतम छापरिया कर रहा है उसे अनदेखा क्यों कर रहे हैं ? क्यों सत्संग भवन के वातारण को नरक बनाने में उसे सहयोग कर, सरंक्षण दे रहे है ? साफ है कि ये भ्रष्ट प्रबंधक शायद उन ट्रस्टियों के कमजोर बिन्दुओं को जानता है जो इस व्यक्ति गोतम छापरिया को उन्हे – संरक्षण देने को मजबुर होना पड़ रहा है।

एक सत्संगी साधक होने के नाते मेरा उन सभी ट्रस्टीजन
से प्रश्न है ? कई सारी सुचना – समाचार, चिठ्ठियाँ व विडीयो वायरल होने के बावजुद भी उन्हें कुछ सुनाई व दिखाई क्यों नहीं दे रहा है ? बल्कि वो लोग तो इसकी बात पर पर्दा डाल रहे हैं। नहीं तो कोई भी सभ्य सुसंस्कृत व्यक्ति तो ऐसे भ्रष्ट व चरित्रहीन व्यक्ति को सहन ही नहीं कर सकता है।

केवल और केवल सत्संग के ही उद्देश्य से ही बनाये इस भवन को होटल के रूप में विकसित करने की तैयारी चल रही है आधे से ज्यादा तो यह भवन हॉटल के रूप में परिवर्तित हो ही गया है। मुख्य ट्रस्टी महोदय को तो लगता है कि भवन व भवन सम्बन्धित बातों से कोई मतलब ही नहीं है।

परम् पूज्य स्वामी जी के सपनों को ये लोग मिटाने में कोई कमी नहीं रख रहे हैं व सनातन धर्म का एक बहुत बड़ आधार स्तम्भइस भवन को हॉटल की तरह आमदनी का जरिया बना रहे है जो कि पूज्य संत – भगवंत के विचारो – एवम् सिद्धान्तों की निर्मम हत्या है ये हमें कतई स्वीकार नहीं है।

यहां आने वाले लोगों की पीड़ा सुनो व सुगमता से सत्संगियों को गीता भवन उपलब्ध कराओं न की पर्यटकों को) ।

सनातन धर्म रक्षा समिति बीकानेर को जानकारी मिली । सनातन धर्म रक्षा समिति ने दिसंबर से इस आंदोलन को शुरू करने का निर्णय लिया है और उसके बाद पूरे राजस्थान से परम् पूज्य स्वामी जी की प्रेरणा को आगे बढ़ाते हुए गीता भवन बचाओ आंदोलन के तहत राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री महोदय के नाम पूरे राजस्थान जिले के ग्रामीण स्तर पर ज्ञापन दिया जाएगा कि वर्तमान अव्यवहारिक, अनाचारी व चरित्रहीन प्रबंधक को तुरन्त हटाया जाये नहीं तो कालान्तर में इस जघन्य अपराध का केवल बदमानी के अलावा कोई उपचार ही नहीं रहेगा । अभी भी समय है कृपा करके ट्रस्टीजन जल्दी से आँखे खोलकर इस और ध्यान दें
आज गठन टीम में सनातन धर्म रक्षा समिति बीकानेर के संस्थापक सुरेन्द्र सिंह राजपुरोहित, मुरली शर्मा, रोहित कुमार राव, देवेन्द्र, मनिष अग्रवाल सहित अनेक सतसंग प्रेमियों ने इसका विरोध करते हुए सत्संग सेवा समिति का गठन किया और जल्दी ही आंदोलन की रुप रेखा बनाई जायेगी

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