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बीकानेर, जयपुर में 30 मई से 2 जून तक हो वाले’गौ टेक-गौ महाकुम्भ- 2025′ में गौ आधारित वैश्विक शिखर सम्मेलन एवं प्रदर्शनी लगेगी। इस दौरान गौ से सम्बन्धित विषयों पर सेमीनार और संवाद कार्यक्रम होंगे। देश में गौ टैक अर्थात गो आधारित तकनीक को आम गौ पालक तक पहुंचाने का प्रयास होगा। आज देश भर के योजनाकार , सरकारें, नीति निर्धारक गौ टैक को लेकर आशान्वित है। गाय बचेगी, गो आधारित उद्यमिता का विकास होगा। घर घर में रोजगार मिलेगा। जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। पर्यावरण शुध्द होगा। वातावरण से रसायनिक दुष्प्रभाव कम होगा। बाबा देवराह गौ परिवार समिति और जीसीसीआई के संयुक्त तत्वावधान में जीसीसीआई संस्थापक अध्यक्ष, राष्ट्रीय कामधेनु आयोग और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. वल्लभ भाई कथीरिया की अध्यक्षतामें निर्णय किया गया कि जयपुर में आगामी गौ टेक- गौ महाकुम्भ 2025 का आयोजन 30 मई से 2 जून 2025 के बीच विद्याधर नगर स्टेडियम जयपुर में होगा। बैठक में गौ टेक-गौ महाकुंभ 2025 के प्रमुख अधिकारियों, विशेषज्ञों और आयोजकों ने भाग लिया और महाकुंभ गौ टैक की रूपरेखा और की तैयारियों को अंतिम दिया गया। जिसमें गौ टेक-गौ महाकुंभ 2025 की थीम गौ-आधारित उद्यमिता, जैविक कृषि और आधुनिक पशुपालन को बढ़ावा देना। गौपालक, किसानों और स्टार्टअप्स के लिए विशेष सत्र–नवाचार, प्रशिक्षण और तकनीकी प्रदर्शन करना। व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने की रणनीति राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गौ महाकुंभ 2025 का प्रचार-प्रसार। प्रदर्शनी और स्टॉल प्रबंधन– गौ-आधारित उत्पादन एवं उद्यमिता, कृषि, पशुपालन और जैविक उत्पादों से जुड़े विभिन्न स्टॉल व प्रदर्शनी की योजना बनाई गई। भारत सरकार, विभिन्न राज्य सरकारों, वैज्ञानिक और अनुसंधान संस्थानों को आयोजन में शामिल किया जाएगा। पूरे देश से गौ टेक और उद्यमिता से जुड़े प्रतिनिधि लोगों को आमंत्रित किया गया है। यह वैश्विक सम्मेलन ‘गौ आधारित वैश्विक शिखर सम्मेलन एवं प्रदर्शनी’ जीसीसीआई और देवराहा बाबा गौ सेवा परिवार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। इसमें गौपालन निदेशालय और सनराइज़ वेलफेयर सोसाइटी सह आयोजक की भूमिका में हैं।

पहला गौ टैक गुजरात राजकोट में हुआ था। जिसमें देशभर के इस विषय से जुड़े लोगों ने शिरकत की थी। दूसरा गौ टैक राजस्थान जयपुर में आयोजित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य पूरे उत्तर भारत में गौ टैक का संदेश देना है। गो महाकुंभ के माध्यम से गौ आधारित अर्थव्यवस्था, और गो उद्यमिता के जरिए भारत को सतत विकास की तरफ अग्रसर करना है। यह आयोजन संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित 17 शाश्वत विकास लक्ष्यों को गौ आधारित समाधान द्वारा साकार करने की दिशा में एक अनूठी पहल है।”
“गौ टेक-गौ महाकुम्भ 2025 एक राष्ट्रीय अभियान की तरह है, जिसमें गौ आधारित उद्योग न सिर्फ रोजगार और पर्यावरण का समाधान बनेंगे बल्कि भारत को वैश्विक मंच पर गौरव दिलाने का माध्यम भी बनेंगे।” साथ ही, गौपालकों, गौशालाओं, गौ उद्यमिता को आर्थिक तौर पर समृद्ध बनाना है ताकि गाय को बचाया जा सके, गौ उद्यमिता और जैविक खेती को बढ़ावा मिले। जयपुर में गौ टेक-गौ महाकुंभ 2025 को हरित क्रांति, श्वेत क्रांति के बाद गौ आधारित उद्यमिता रूपी ब्राउन क्रांति के रूप में देखा जा रहा है। गौ आधारित उद्यमिता क्रांति के सूत्रपात के रूप में होने जा रहे इस वैश्विक शिखर सम्मेलन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। इस आयोजन के मंच से देशभर में विकसित गौ उद्यमिता तकनीक, गौ उत्पाद मशीनरी, उत्पादों का डोमेस्ट्रेशन, गौ ज्ञान, गौ विज्ञान, गौ आधारित आध्यात्मिक जीवन संस्कृति से युवा पीढ़ी, उद्योग जगत, सरकारों और नीति निर्धारकों को अवगत करवाया। डॉ. कथीरिया ने आगे बताया कि “यह गौ टेक-गौ महाकुम्भ- 2025 पीएम नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत, वोकल फ़ॉर लोकल जैसे राष्ट्रीय अभियानों को धरातल पर उतारने का एक प्रभावी प्रयास है।
इस गौ टेक-गौ महाकुम्भ में देश के अलग-अलग राज्यों से 350 से ज़्यादा प्रतिभागी, 5 लाख से अधिक किसान, ब्रीडर्स और विज़िटर्स हिसा लेंगे। 50 हज़ार से ज्यादा एंटरप्रिन्योर्स आएंगे। साथ ही 3 हज़ार से ज़्यादा उत्पाद और सेवाएं होंगी। कुल मिलाकर यह इस भव्य आयोजन में लाखों गौपालक, गौ प्रेमी, किसान, एंटरप्रिन्योर्स और एग्जीबिटर्स हिस्सा लेंगे। यह एक ऐतिहासिक आयोजन होगा, जो भारत में गौ आधारित अर्थ व्यवस्था, कृषि और पशुपालन क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। इससे किसानों, उद्यमियों और विशेषज्ञों के लिए एक प्रभावी मंच बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। गौटेक 2025 में बड़ी संख्या में किसानों, वैज्ञानिकों, उद्योगपतियों और नीति-निर्माताओं की भागीदारी की उम्मीद है।” गौ टेक-गौ महाकुम्भ के अध्यक्ष डा. लाल सिंह, उपाध्यक्ष भरत राजपुरोहित, जीसीसीआई सचिव मित्तल खेतानी, देवराहा बाबा गौ सेवा परिवार के कॉर्डिनेटर संजय शर्मा, सन्त प्रकाश दास महाराज, पद्मश्री डॉ. लक्ष्मण सिंह लापोड़िया, रघुनाथ सिंह राजपुरोहित, गजानंद अग्रवाल, डा. अशोक कुमावत, डॉ. प्रकाश भाटी, डॉ. युदवीर बलवदा, आयोजक की भूमिका में है। जीसीसीआई सह-आयोजक की भूमिका निभा रही है। सुमित शर्मा, दीपक, क्षितिज गर्ग, आशीष शर्मा, मृदुल शर्मा, नारायण शास्त्री समेत कई साथी विशेष सहयोग दे रहे हैं। 100 से अधिक गौ सेवकों ने आयोजन की कार्य योजना पर विचार किया है।

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