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बीकानेर,जयपुर.अपराध की दुनिया में बड़ा नाम बन चुके गैंगस्टर्स इन दिनों गैंगवार में नया ट्रेंड अपना रहे हैं. राजस्थान सहित उत्तरी भारत के कई राज्यों में यह ट्रेंड सामने आया है.

खुद विदेशों या फिर हाई सिक्यूरिटी जेलों में बंद ये गैंगस्टर्स आपराधिक वारदातों में नाबालिग लड़कों को आगे कर रहे हैं. लॉरेंस बिश्नोई रोहित गोदारा, गोल्डी बराड़, संपत नेहरा और रितिक बॉक्सर सहित कई गैंगस्टर्स सोशल मीडिया के जरिए इन नाबालिगों को अपनी गैंग में जोड़ते हैं. फिर ताकत, पैसे और हथियारों का रुतबा दिखाकर उनका ब्रेन वॉश कर गैंगवार में नाबालिगों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

हाल ही में राजधानी जयपुर में 28 जनवरी की आधी रात को जी क्लब पर फायरिंग करने के मामले में तीन शूटर्स को पुलिस ने आगरा से गिरफ्तार किया था. इनमें एक शूटर महज 15 वर्ष का है. वह बीकानेर का रहने वाला है. 15 साल के इस लड़के का ब्रेन वॉश इस कदर किया गया है कि वह लॉरेंस बिश्नोई, रोहित गोदारा व रितिक बॉक्सर के इशारे पर बीकानेर व जयपुर में अंधाधुंध फायरिंग कर चुका है.

गैंगस्टर राजू ठेहठ की हत्या के लिए भी नाबालिगों को किया गया था तैयार

सीकर जिले में शेखावाटी के सबसे बड़े गैंगस्टर राजू ठेहठ की बीते वर्ष दिनदहाड़े की गई हत्या के लिए भी नाबालिगों को इस्तेमाल किया गया था. ये आरोपी लड़के स्टूडेंट बनकर राजू ठेहठ की कॉलोनी में रहे. वहीं एक कोचिंग सेंटर में एडमिशन लेकर पढ़ाई करने के बहाने पीजी हॉस्टल में किराए से रहे. फिर करीब 1 महीने तक राजू ठेहठ की रैकी की. आखिरी दिन सेल्फी लेने के बहाने इन्हीं नाबालिगों ने गैंग के बदमाशों के साथ मिलकर राजू ठेहठ पर अंधाधुंध फायरिंग कर उसकी हत्या कर डाली.

जयपुर में कॉलेज छात्र बनकर छिपा था पंजाब का वांटेड राज हुड्डा

पंजाब के फरीदकोट में बीते वर्ष 10 नवंबर को दिनदहाड़े डेरा प्रेमी प्रदीप सिंह हत्या कर दी गई थी. उसमें शामिल राज हुड्डा भी जयपुर में एक यूनिवर्सिटी में खुद को छात्र बताते हुए एक मकान में किराए से कमरा लेकर ठहरा था. इसी मकान में रह रहे दो नाबालिगों कॉलेज स्टूडेंट ने राज हुड्डा को पंजाब पुलिस से बचाने के लिए फरारी काटने में उसकी मदद की. इस मामले में पंजाब पुलिस ने राज हुड्डा के साथ नागौर के रहने वाले नाबालिगों को पकड़ा था.

कानूनी दांवपेचों से बचने के लिए करते हैं नाबालिगों का इस्तेमाल

जयपुर के एडिशनल पुलिस कमिश्नर अजयपाल लांबा ने बताया कि कानूनी दांवपेचों की आड़ लेकर बचने के इरादे से गैंगस्टर खुद सामने नहीं आते हैं. वे इन नाबालिगों का ब्रेन वॉश करते हैं. फिर अपनी अपराध की दुनिया में इन नाबालिगों का इस्तेमाल करते हैं. एडिशनल पुलिस कमिश्नर लांबा ने भी अपील की है कि नाबालिगों पर उनके परिवार के लोग ध्यान दें ताकि वे अपराध के दलदल की दुनिया में ना फंसे.

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