बीकानेर धुलंडी के दिन से शुरू हुए गणगौर पूजन उत्सव में गणगौर तीज व चौध पर दो दिवसीय पूजन उत्सव होगा। जूनागढ़ जनाना ड्योढी से पूर्व बीकानेर राज परिवार की गणगौर सवारी शाही लवाजमे के साथ निकलेगी। वहीं रियासतकालीन परम्परा के तहत ढड्ढों के चौक में चांदमल ढड्ढा की गणगौर का दो दिवसीय मेला सोमवार से शुरू होगा। भादाणी पुरोहित पंचायत ट्रस्ट की प्राचीन गणगौर की खोव्य भरवाने की रस्म होगी। वहीं शहर में विभिन्न स्थानों पर गणगौर प्रतिमाओं का पूजन होगा व पारम्परिक गणगौरी गीत-नृत्यों के आयोजन होंगे। धुलंडी के दिन से बाला गणगौर पूजन उत्सव की भी पूर्णाहुति होगी। पिछले सोलह दिनों से गणगौर का पूजन कर रही बालिकाएं सोमवार व मंगलवार को गणगौर पहुंचाने की रस्म का निर्वहन करेंगी।
शाही लवाजमें से निकलेगी सवारी
पूर्व बीकानेर राज परिवार की गणगौर की सवारी सोमवार व मंगलवार को जूनागढ़ से निकलेगी। शाही लवाजमें के साथ गणगौर की सवारी चौतीन कुआ पहुंचेगी। यहां गणगौर को पानी पिलाने और भोग अर्पित किया जाएगा। महिलाएं गणगौर प्रतिमा के समक्ष नृत्य प्रस्तुत करेंगी। कर्नल देवनाथ सिंह के अनुसार जनाना ड्योढ़ी से गणगौर की सवारी पारम्परिक रूप से निकलेगी।
ढढ्ढा चौक स्थित चांदमल ढढ्ढा की हवेली में दिनभर गणगौर प्रतिमा के दर्शन का क्रम चलेगा। शाम पांच बजे से गणगौर प्रतिमा चौक में दर्शन के लिए विराजित होगी। यहां बालिकाएं व महिलाएं गणगौर प्रतिमा के समक्ष पारम्परिक घूमर नृत्य प्रस्तुत करेंगी। मंगलवार को भी मेला भरेगा।
पुष्टिकर पुरोहित भादाणी पंचायत ट्रस्ट की प्राचीन गणगौर प्रतिमा का शीतला अष्टमी से दर्शन-पूजन का क्रम चल रहा है। लालचंद भादाणी के अनुसार प्रतिदिन गणगौर प्रतिमा के समक्ष गणगौरी गीतों के गायन और नृत्य का क्रम चल रहा है। सोमवार को गणगौर के खोळा भरवाने की परम्परा होगी।